Arvinder Singh Lovely News: लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। अरविंदर लवली दिल्ली कांग्रेस के भरोसेमंद सिपहसालार रहे हैं। उन्होंने पिछले साल अगस्त में दूसरी बार पद संभाला था। इस पद पर वह करीब 8 महीने तक रहे। हालांकि, इससे पहले वह साल 2013 से 2015 तक वह दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर थे।
खास बात यह है कि दिल्ली में 25 मई को चुनाव होना है, इस बीच लवली ने इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। लवली के इस्तीफे को कांग्रेस को बड़ा झटका माना जा रहा है। ऐसे में अब सवाल सबके जेहन में उठ रहा है कि आखिर अरविंदर सिंह कौन हैं और उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत कब की और कांग्रेस से कितना गहरा नाता है।
साल 1998 में पहली बार बने थे विधायक
अरविंदर सिंह लवली का जन्म साल 1968 में गांधीनगर में हुआ। वह 30 साल से कांग्रेस से जुड़े हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करते वक्त गुरु तेग बहादुर कॉलेज के स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष चुने गए। कुछ साल बाद वह भीमराव अम्बेडकर कॉलेज के चेयरमैन भी बने। साल 1990 में वह दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के महासचिव भी नियुक्त किये गए। 1992 से 1996 तक वह एनएसयूआई के महासचिव भी रह चुके हैं। 1998 में गांधी नगर सीट से पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद 2003 से 2013 तक दिल्ली सरकार में मंत्री रहे।
शीला दीक्षित सरकार में थे शिक्षा मंत्री
अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली सरकार में शहरी विकास और राजस्व मंत्रालय, शिक्षा और परिवहन जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभाली थी। वो दिल्ली में सबसे लंबे समय तक शिक्षा मंत्री रहे। शिक्षा मंत्री रहते लवली ने स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार खत्म किया। EWS और लाडली योजनाएं शुरू की, शहरी विकास मंत्री रहते अवैध कॉलोनियां नियमित की।
इसके बाद उन्होंने साल 2017 में कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी के साथ हो लिए थे। लेकिन कुछ ही महीनों के बाद वो कांग्रेस में वापस लौट आए थे। लवली ने बीजेपी प्रत्याशी गौतम गंभीर और आम आदमी पार्टी की आतिशी के खिलाफ पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वो गौतम गंभीर से 3,92,000 वोटों से हार गए थे।
'आप' के साथ गठबंधन होने से थे नाराज
लोकसभा चुनाव में दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन करने के बाद वह नाराज पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे। अरविंदर लवली की नाराजगी का कारण दिल्ली में सीट बंटवारा और सीएम केजरीवाल की पार्टी से गठबंधन बताया है। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के कुछ नेताओं के बयान का भी जिक्र किया है। उदाहरण के लिए देखे तो लवली ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली कांग्रेस के उम्मीदवार उम्मीदवार कन्हैया कुमार पार्टी लाइन और स्थानीय कार्यकर्ताओं की मान्यताओं को दरकिनार करते हुए दिल्ली के सीएम की झूठी प्रशंसा करते हुए मीडिया में बाइट देने का भी आरोप लगया है।