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दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आतिशी सरकार ने केंद्र सरकार से 10 हजार करोड़ रुपये का लोन मांगा है। हालांकि, राज्य के वित्त विभाग की ओर से सरकार को सलाह दी गई थी कि एनएसएसएफ के तहत लोन महंगा होता है, इसलिए इससे बाहर निकल जाना चाहिए।

दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में आतिशी सरकार के पास इलेक्शन के लिए पर्याप्ट फंड नहीं बचा है। इसके लिए आप सरकार ने केंद्र सरकार से 10 हजार करोड़ का लोन मांगा है।  

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपने खर्च को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय लघु बचत कोष (NSSF) से 10,000 करोड़ रुपये उधार लेने की मांग की है। हालांकि, इस पर राज्य के वित्त विभाग की ओर से आपत्ति भी जताई गई थी, लेकिन इसके बाद भी केंद्रीय वित्त मंत्रालय को भेजे गए इस प्रस्ताव पर सीएम आतिशी ने हस्ताक्षर कर दिए है।

दिल्ली के अलावा अरुणाचल प्रदेश, केरल और मध्य प्रदेश ऐसे तीन राज्य है, जो एनएसएसएफ से उधार लेते हैं। हालांकि, अधिकांश राज्यों ने एनएसएसएफ से बाहर रहने का फैसला किया हुआ है। क्योंकि, ये लोन बाजार उधार से ज्यादा महंगे हैं।

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खबरों की मानें, तो 2 सितंबर के नोट में दिल्ली के प्रधान सचिव (वित्त) आशीष चंद्र वर्मा ने इस वित्तीय वर्ष में एनएसएसएफ से लोन लेने के विकल्प पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि बेहद विस्तारित ब्याज देनदारी और एमसीसी (आदर्श आचार संहिता) के कारण खर्च में कमी की संभावना को देखते हुए NSSF योजना से बाहर निकलने के विकल्प को स्वीकार करने की सिफारिश की जाती है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने अपने वित्त विभाग की सिफारिश को स्वीकार नहीं किया और आगामी चुनाव से पहले लोन लेने का फैसला लिया है। 

बता दें कि दिल्ली सरकार ने चुनाव से पहले जनता से वादा किया है कि राजधानी में मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त इलाज और बुजुर्ग के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा समेत छह रेवड़ियों को आगे भी जारी रखा जाएगा। इसके अलावा सरकार ने ये भी कहा है कि सभी महिलाओं को सरकार की ओर से हर महीने एक-एक हजार रुपये दिए जाएंगे। इससे सरकार का खर्च बढ़ेगा और फंड की जरूरत होगी। 

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