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दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने जांच एजेंसी ईडी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ईडी केंद्रीय जांच एजेंसी नहीं, बल्कि विपक्षियों को चुप करने के लिए भाजपा का राजनीतिक हथियार बन चुकी है।

Delhi: ईडी केंद्रीय जांच एजेंसी नहीं, बल्कि विपक्षियों को चुप करने के लिए भाजपा का राजनीतिक हथियार बन चुकी है। भाजपा शासन में ईडी का स्तर इस इतना गिरा चुका है कि अब ईडी भाजपा नेता का विरोध करने वाले दो बुजुर्ग गरीब किसानों को समन भेज रही है। इन गरीब किसानों के बैंक खाते में मात्र 450 रुपये हैं। यह बातें शनिवार को आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री आतिशी ने प्रेसवार्ता में कही।

आतिशी ने कहा कि ईडी ने तमिलनाडु के दो बुजुर्ग किसानों जिनका नाम कन्हैयन (72 साल), कृष्णन (66 साल) जिनके बैंक खाते में मात्र 450 रुपए है, पर पीएमएलए के तहत केस दर्ज किया। ईडी ने इन दो गरीब किसानों को समन भेजा, जिसमें लिखा था कि इन दोनों किसानों ने अपने खेत में 2017 में बिजली की तार लगाई, जिसकी वजह से दो भैंसों की मौत हो गई। इस कारण ईडी ने इन दो किसानों को समन किया है। आज केंद्र सरकार की ईडी का स्तर इस कदर तक गिर चुका है।

भाजपा नेता ने बदला लेने के लिए भिजवाया समन

आतिशी ने कहा कि इन किसानों को समन करने का असली कारण इनका भाजपा नेताओं का विरोध करना था। आज यदि देश में किसी की भाजपा से दुश्मनी है, भाजपा के नेता से दुश्मनी है तो आप पर ईडी का केस किया जाएगा। इन किसानों के साथ भी यही हुआ। इनका अपने इलाके के भाजपा नेता जी. गुणशेखर से कई सालों से विवाद चल रहा था, इन किसानों ने उस भाजपा नेता पर केस किया, जी. गुणशेखर को जेल जाना पड़ा। इसका बदला लेने के लिए मात्र 450 रुपये की संपत्ति रखने वाले इन गरीब किसानों पर पीएमएलए के तहत ईडी द्वारा केस किया गया और तमिलनाडु से दिल्ली समन किया गया।

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