Atishi wins, AAP loses: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी के कई दिग्गज नेता जैसे अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, दुर्गेश पाठक और अवध ओझा चुनाव हार गए। हालांकि, मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी ने कालकाजी सीट से जीत दर्ज कर अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया।
कालकाजी सीट पर मुकाबला और जीत
कालकाजी विधानसभा सीट दिल्ली की महत्वपूर्ण सीटों में से एक रही है। यहां से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमेश बिधूड़ी को हराया। वहीं, कांग्रेस ने अपनी वरिष्ठ नेता अलका लांबा को मैदान में उतारा था, लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहीं।
रमेश बिधूड़ी को अब तक 44,472 वोट मिले
आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी कालकाजी विधानसभा सीट से 47,267 वोटों के साथ आगे चल रही हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी को 2,795 वोटों से पीछे छोड़ दिया है। रमेश बिधूड़ी को अब तक 44,472 वोट मिले हैं और वे दूसरे स्थान पर हैं। वहीं, कांग्रेस की उम्मीदवार अलका लांबा काफी पीछे हैं और सिर्फ 3,803 वोट ही हासिल कर पाई हैं। वह 43,464 वोटों के बड़े अंतर से पीछे चल रही हैं।
कालकाजी सीट का क्या है हाल
बता दें कि कालकाजी सीट पंजाबी बहुल क्षेत्र मानी जाती है। आतिशी पंजाबी मूल की हैं और लंबे समय से इस क्षेत्र में सक्रिय राजनीति कर रही हैं। 2020 में भी आतिशी ने इसी सीट से जीत हासिल की थी। भाजपा ने इस बार सांसद रह चुके रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी का एक बयान भी खूब चर्चा में रहा। उन्होंने आतिशी पर तंज कसते हुए कहा था कि आतिशी ने अपना बाप बदल लिया है। यह टिप्पणी उनके नाम बदलने से जुड़ी थी।
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इस पर आम आदमी पार्टी ने बयान का जमकर विरोध किया और इसे महिला विरोधी बताया। पार्टी ने चुनाव आयोग से रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। भाजपा की ओर से इस बयान को लेकर सफाई दी गई, लेकिन यह बयान चुनाव प्रचार के दौरान बड़ा मुद्दा बन गया।
आप की हार से निराश आतिशी
हालांकि आतिशी ने जीत दर्ज की, लेकिन आप की करारी हार के कारण वह काउंटिंग सेंटर से चुपचाप निकल गईं। उनकी यह जीत इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि अरविंद केजरीवाल लगातार यह दावा कर रहे थे कि वह फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन खुद ही चुनाव हार गए। चुनाव नतीजों से साफ हो गया कि दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर करने का फैसला किया है। आतिशी को 'टेंपरेरी सीएम' कहा जा रहा था, लेकिन उनकी जीत ने उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में उभारा है। इस हार के बाद आम आदमी पार्टी के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
कालकाजी सीट पर आम आदमी पार्टी की जीत भले ही महत्वपूर्ण हो, लेकिन दिल्ली में पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा की भारी बढ़त और आप के दिग्गज नेताओं की हार से यह साफ हो गया है कि दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ है। आतिशी की जीत के बावजूद आप की हार चिंता का विषय बनी हुई है। भाजपा को बहुमत मिलने के बाद दिल्ली की राजनीति का नया दौर शुरू होने जा रहा है। कांग्रेस अब भी दिल्ली में अपनी जमीन तलाशने में नाकाम रही है।