Arvind Kejriwal strategy after losing Delhi: दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी का सूपड़ा साफ कर दिया है। 2013 से सत्ता में रही आप इस बार 22 सीटों के साथ बुरी तरह हारी है। वहीं, कांग्रेस भले ही दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत पाई है, लेकिन कांग्रेस ने आप का सफाया कर आधा काम तो कर दिया है। हार के बाद केजरीवाल ने कहा है कि वे विपक्ष के नाते दिल्ली के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। उधर, कांग्रेस का कहना है कि केजरीवाल की झूठ की राजनीति खत्म हो चुकी है और आने वाले चुनावों में आप का पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो जाएगा। खास बात है कि बीजेपी ने भी कांग्रेस की तरह दिल्ली की सियासत में आप के अस्तित्व पर सवाल उठाया है। नीचे जानिये इन बयानों के पीछे की दलीलें...
1. केजरीवाल की बातों पर जनता को नहीं रहा भरोसा
आम आदमी पार्टी सिर्फ एक कार्यकाल में अर्श से फर्श पर आ गिरी है। आप पहली बार 2015 में अकेले चुनाव लड़ी थी, इस दौरान आप को 67 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद आप को 2020 के चुनाव में 62 सीटें मिली, लेकिन इस बार तो सीधे 22 सीट पर आ धमकी है। इससे साफ है कि जनता को केजरीवाल की योजनाओं और बड़ी-बड़ी बातों पर भरोसा नहीं रहा है।
ऐसे में विपक्ष में भी बैठकर आप जो भी आवाज उठाएगी उस पर भरोसा करने से पहले जनता 100 बार सोचेगी। क्योंकि केजरीवाल समेत पूरी आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अपनी झूठी छवि बना ली है। ऐसे में अगले चुनाव में केजरीवाल की हालत और बुरी होने वाली है।
2. कांग्रेस बनाम बीजेपी होगा अगला मुकाबला!
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सत्ता में कांग्रेस को साइडलाइन करके जगह बनाई थी। कांग्रेस इस बात को भलिभांति समझ रही थी, इसलिए कांग्रेस ने इस चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया, ताकि भले खुद सत्ता में नहीं आएंगे, लेकिन आप का सफाया जरूर कर देंगे। कांग्रेस को पहले से ये बातें पता थी कि 14-15 सीटों को छोड़ दिया जाए, तो बाकी सीटों पर कांग्रेस का कई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है, लेकिन फिर भी पार्टी ने सभी सीटों पर कैंडिडेट उतारे।
मकसद सिर्फ एक ही था कि कैसे भी आप का सफाया करना है। अब जब आप का सफाया हो गया है, तो अगले चुनाव में कांग्रेस की सोच होगी कि मुकाबला बीजेपी बनाम कांग्रेस हो, ना कि कोई थर्ड पार्टी इसमें टांग अड़ा सके। राजनीतिक जानकारों का भी कहना है कि कांग्रेस ने दिल्ली की जंग आधी जीत ली है, लेकिन पूरी जीत के लिए जनहित विरोधी फैसलों के लिए कांग्रेस को मुखरता से आवाज उठानी होगी। ऐसा हुआ तो कांग्रेस से खफा वोटर्स वापस पार्टी में आ सकते हैं। इसके अलावा, कांग्रेस कैडर भी उत्साहित होगा कि पार्टी आने वाले चुनावों को मजबूती से लड़ने की तैयारी कर रही है। ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए आगे की राह मुश्किल हो सकती है।
3. कैग रिपोर्ट खोलेगी केजरीवाल के भ्रष्टाचार की पोल
पीएम मोदी ने कल दिल्ली में बीजेपी की जीत के साथ ही ऐलान कर दिया कि विधानसभा के पहले ही सत्र में सदन में कैग की रिपोर्ट पेश की जाएगी। पीएम ने कहा कि दिल्ली में हर भ्रष्टाचार की जांच होने वाली है। बताते चलें कि ऐसे में हो सकता है कि केजरीवाल फिर से जेल भी जा सकते हैं।
जब तक आप सत्ता में थी, तब तक जांच में केजरीवाल और आप नेता थोड़ी-बहुत अड़चन जरूर पैदा कर रहे थे, लेकिन अब भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अच्छे से जांच की जाएगी और साबित होने पर उन्हें दंड भी दिया जाएगा। शीश महल में भ्रष्टाचार महल की बात हो, या शराब घोटाले मामले की, या जल बोर्ड में घोटाले की अब हर भ्रष्टाचार की जांच की जाएगी। इससे केजरीवाल की मुश्किलें और अधिक बढ़ जाएगी।
4. यमुना की सफाई कर मजबूत होगी बीजेपी
यमुना सफाई का मुद्दा इस चुनाव में खूब सुर्खियों में रहा था। केजरीवाल ने 2015 में यमुना सफाई की बात कही थी, लेकिन उसे पूरा नहीं कर सके। केजरीवाल ने फिर 2020 में यमुना सफाई की बात कही और उसे भी पूरा नहीं कर सके। अब केजरीवाल फिर से वही राग अलाप रहे थे कि अगर इस बार मौका मिला, तो जरूर यमुना साफ कर देगी, लेकिन जनता ने इस बार उनकी बातों का भरोसा नहीं किया।
बीजेपी को भी यह बात अच्छी तरह पता है कि अगले चुनाव में भी यमुना की सफाई बड़ा मु्द्दा बनने वाला है। ऐसे में बीजेपी इस ओर जरूर ध्यान देगी और यमुना की सफाई कर अगली बार भी आसानी से सत्ता में काबिज हो सकेगी। इसको लेकर पीएम मोदी ने कल यमुना की सफाई को लेकर बयान भी दिया है।
5. आप के कोर वोटर्स को कैसे छीन लेगी बीजेपी
केजरीवाल लगातार यह दावे करते रहा कि अगर बीजेपी सत्ता में आएगी तो सभी मुफ्त योजनाओं को बंद कर देगी। लेकिन चुनाव से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ कर दिया था कि जो भी जनहित में कल्यानकारी योजनाएं हैं, उसे बंद नहीं किया जाएगा और लोगों को उसका लाभ मिलता रहेगा।
इसे लागू रखकर बीजेपी आप के उन वोटर्स को भी अपना बना लेगी, जो आम आदमी पार्टी के कोर वोटर्स माने जाते हैं, जिसके बदौलत आप सत्ता में आ रही थी। ये लोग आप को इसलिए वोट दे रही थी, क्योंकि सरकार उसे मुफ्त की रेवड़ी दे रही थी। अगर बीजेपी भी उन योजनाओं को लागू रखेगी, फिर सत्ता परिवर्तन का सवाल ही नहीं उठेगा।
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6. केजरीवाल के अधूरे काम पूरा करेगी बीजेपी
केजरीवाल सरकार में 2-3 और ऐसे मुद्दे हैं, जो केजरीवाल के खिलाफ रहे थे। दिल्ली में प्रदूषण का मुद्दा उनमें से एक है। इसके अलावा हर घर पीने का साफ पानी पहुंचाना और सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाना। केजरीवाल ने कहा था कि हम दिल्ली की सड़कों को गड्ढा मुक्त बना देंगे, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके। वह सभी घरों में पीने का साफ पानी नहीं पहुंचा सके।
केजरीवाल ने खुद खुले मंच से इस बात को स्वीकार भी किया है, ऐसे में अब बीजेपी वास्तिवक तौर पर इन समस्याओं का समाधान करेगी, जिससे आप के वोटर्स में भी बीजेपी को लेकर भरोसा बन जाएगा और वह फिर से बीजेपी को ही सत्ता सौंपना चाहेगी। इन फैक्टर्स को देखें तो दिल्ली में आप का अस्तित्व खतरे में लग रहा है। अगले चुनाव में आप का और भी बुरा हाल होने की संभावना है।
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