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Delhi Pollution Increased: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा समेत बीजेपी के कई नेताओं ने आज दिल्ली में मास्क वितरण किए हैं। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है, जैसे कोरोना का दौर लौट आया हो।

Delhi Pollution Increased: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम होने के बजाय बढ़ते जा रहा है। इसको लेकर दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन के बाहर लोगों को मास्क वितरण किए हैं। यह फिर से कोरोना काल के उस दौर की याद दिलाता है, जब लोगों को वायरस से बचने के लिए मास्क बांटे जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने आप पर जोरदार हमला बोला है।

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में ग्रैप लागू करने से प्रदूषण कम नहीं हो रहा है, इसका साफ मतलब है कि प्रदूषण को कम करने के लिए प्रतिबंध नहीं, बल्कि दिल्ली के धूल-कण को कम करने के लिए काम करने की जरूरत है। केजरीवाल को पंजाब की पराली का धुंआ रोकना पड़ेगा, जिसके बारे में आम आदमी पार्टी का कोई भी नेता बात नहीं कर रहा है।

इस मास्क वितरण कार्यक्रम और जागरूकता अभियान में दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी एवं प्रवीन खंडेलवाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आर.पी. सिंह, मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कृषि भवन मेट्रो स्टेशन एवं बस अड्डे पर मास्क वितरण किया।

'प्रदूषण पर 12 महीने कार्य करने की जरुरत '

सचदेवा ने दिल्ली सरकार से सीधा सवाल करते हुए कहा कि कैलाश गहलोत ने अपने पत्र के माध्यम से प्रदूषण का भी जिक्र किया, जो अरविंद केजरीवाल के मुंह पर करारा तमाचा है, जो बार-बार यह कहते हैं कि हमने प्रदूषण के लिए इतने सारे काम किए। उन्होंने कहा कि इवेंट मैनेजमेंट करने से दिल्ली का प्रदूषण कम नहीं होगा, बल्कि उसके लिए 12 महीने काम करने की जरुरत है। दिल्ली की एक्यूआई 475 से अधिक हो चुका है और दिल्ली की सरकार पिछले 10 सालों से जिस प्रकार की सरकार चला रही है, उसका खामियाजा दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ रहा है। लोग खांसी जुकाम जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं।

सबसे प्रदूषित राजधानी घोषित किया-बिधूड़ी

सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि डब्लूएचओ ने दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी घोषित किया है और इसके एकलौते जिम्मेदार अरविंद केजरीवाल है, जिन्होंने 2013 में कहा था कि अगर उनकी सरकार आती है, तो वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेहतर करेंगे, लेकिन आज पिछले दस सालों में उन्होंने एक भी बस नहीं खरीदी, दूसरी तरफ जो 7000 बसें 2013 में थी वह आज घटकर 3500 हो गई है।

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