Delhi AIIMS Gamma Knife Technology: राजधानी दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के सीनियर डॉक्टरों की टीम ने एक उपलब्धि हासिल की है। इसी कड़ी में एम्स के डॉक्टरों ने गामा नाइफ तकनीक की मदद से आंखों के कैंसर का सफल इलाज कर पा रहे हैं, जो इससे पहले तक या तो लाईलाझ मानी जाती थी या इसमें मरीजों की आंखों को निकालना पड़ता था।
अब आंखों को निकालने की जरूरत नहीं
गामा नाइफ की इस तकनीक में आंखों को निकालने की जरूरत नहीं पड़ती है यानी अब बिना किसी चीर-फार के ही आंखों के कैंसर का इलाज होने लगा है। सिर्फ इतना ही नहीं, मरीज कुछ ही घंटों में वापस अपने घर भी जा सकते हैं।
दस हजार से ज्यादा मरीज करा चुके हैं इलाज
एम्स अस्पताल की डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस मशीन में एक विशेष रेडिएशन चैंबर होता है, जिसके जरिए तय किए गए एक ही केंद्र बिंदु पर 200 से ज्यादा किरणें जाती हैं और आसपास के स्ट्रक्चर को बिना नुकसान पहुंचाए यह मशीन अपना काम करती है। इसमें मरीज के इलाज के लिए एक ही बार में हाई डोज दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अब तक 10 हजार से ज्यादा मरीजों का इस तकनीक के माध्यम से सफल इलाज किया गया है। बता दें कि दिल्ली एम्स देश का पहला अस्पताल है, जहां इस तकनीक से बिना चीरा लगाए आंखों की कैंसर समेत दिमाग के ट्यूमर का इलाज किया जा रहा है।
इन कार्ड धारकों को फ्री में होगा इलाज
डॉक्टर दीपक अग्रवाल के मुताबिक, दिल्ली एम्स में इस तकनीक से इलाज कराने के लिए 75 हजार रुपये की फीस है, लेकिन इसके बाद पूरी लाइफ लॉन्ग फॉलोअप फ्री में की जाती है। अगर एमआरआई भी करानी है, तो वह भी फ्री में उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं आयुष्मान कार्ड और बीपीएल के मरीजों का फ्री में इलाज हो रहा है। इसके लिए मरीजों को बार-बार आने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। आपको बस एक बार विजिट करना होगा और उसी में आपका इलाज हो जाएगा।