CBI action on Delhi Police in bribery cases: दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर पिछले एक दशक के दौरान कई गंभीर खुलासे हुए हैं। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2015 से नवंबर 2024 के बीच रिश्वत लेने के आरोप में 250 से ज्यादा पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए, जबकि 58 को बर्खास्त कर दिया गया।
10 साल में भ्रष्टाचार के 250 मामले
मार्च 2015 से नवंबर 2024 के बीच दिल्ली पुलिस के अलग-अलग रैंकों के 250 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। इनमें से ज्यादातर मामलों में आरोप कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल रैंक के कर्मियों पर लगे। इन पर लोगों से मामले सुलझाने या एफआईआर दर्ज करने के बदले पैसे मांगने का आरोप है।
2024 में गिरफ्तारियों में उछाल
साल 2024 में लगभग दो दर्जन पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, जिनमें 5 पुलिसकर्मी केवल नवंबर में गिरफ्तार हुए। इनमें से कई गिरफ्तारियां सीबीआई ने कीं। इन पुलिसकर्मियों पर शराब कारोबारी, शिकायतकर्ताओं और व्यवसायियों से जबरन पैसे वसूलने जैसे आरोप लगे।
भ्रष्टाचार के मामले और शिकायत करने पर रिश्वत की मांग
जुलाई 2024 में वेस्ट दिल्ली के तीन पुलिसकर्मियों ने तीन युवकों का अपहरण कर उन्हें टॉर्चर किया। उनके परिजनों से 19.5 लाख रुपये लेकर उन्हें छोड़ा गया। जून 2024 में वेलकम थाने के पुलिसकर्मी ने बस ऑपरेटरों से जबरन पैसे वसूले। इसके अलावा नवंबर में क्राइम ब्रांच के हेड कॉन्स्टेबल ने दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी। अक्टूबर में एक इंस्पेक्टर और एसआई ने शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपये रिश्वत की मांग की। साथ ही जून में ईस्ट दिल्ली के 4 पुलिसकर्मियों को फर्जी रेड करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई न के बराबर
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों में यह भी खुलासा हुआ कि भ्रष्टाचार के मामलों में ज्यादातर कार्रवाई निचले स्तर के पुलिसकर्मियों पर ही हुई। इंस्पेक्टर रैंक से ऊपर के अधिकारियों पर कार्रवाई के मामले लगभग ना के बराबर रहे। रिश्वत मांगने के साथ-साथ कई पुलिसकर्मियों पर शिकायतकर्ताओं और पीड़ितों का अपहरण कर पैसे वसूलने, झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देने और लंबित एफआईआर को खत्म करने के बदले पैसे लेने के आरोप भी लगे।
सीबीआई की भूमिका और कार्रवाई
सीबीआई ने 2024 में भ्रष्टाचार के मामलों में तेजी से कार्रवाई की। उन्होंने कई पुलिसकर्मियों को रंगे हाथों पकड़ा, जिनमें सरिता विहार, कालकाजी और नंद नगरी थानों के पुलिसकर्मी शामिल थे। भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों ने जनता के मन में दिल्ली पुलिस की छवि को गहरा धक्का दिया है। लोगों का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली संस्था में ही जब इस तरह की अनियमितताएं होंगी, तो न्याय की उम्मीद करना कठिन हो जाता है।
दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार के इन मामलों ने न केवल पुलिस की छवि को धूमिल किया है, बल्कि यह भी उजागर किया है कि निचले स्तर से लेकर बड़े स्तर तक की व्यवस्था में सुधार की कितनी जरूरत है। जनता को भरोसा दिलाने के लिए पारदर्शिता और कड़ी कार्रवाई जरूरी है।