Delhi Pollution Report: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। यही कारण है कि अधिकांश समृद्ध लोगों की कोशिश होती है कि वह राजधानी में नहीं रहे, ताकि वह स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से बच सकें। प्रदूषित हवा वाले शहरों की गिनती में दिल्ली का नाम दुनियाभर में प्रसिद्ध है। ऐसे में आपके मन में भी सवाल जरूर होगा कि आखिर दिल्ली की प्रदूषित हवा लोगों को कितना प्रभावित कर सकती है। शिकागो यूनिवर्सिटी ने दिल्ली के वायु स्तर पर रिसर्च की और बताया कि प्रदूषित वातावरण लोगों के लिए कितना नुकसानदायक है।
दिल्ली वाले 7-8 साल कम जी रहे
शिकागो यूनिवर्सिटी की इस रिपोर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण दिल्ली में रहने वाले लोगों की आयु 8 साल कम कर रही है। यह तो आपने भी जरूर सुना होगा कि दिल्ली में एक दिन सांस लेने से हम उतनी जहरीली हवा अंदर लेते हैं, जितना एक दिल्ली से बाहर रहने वाला इंसान 4 सिगरेट पीकर लेता है। इसका असर अगर सीधे तौर पर स्वास्थ्य पर देखना चाहते हैं, तो यही है कि दिल्ली में रहने वाले लोग सामान्य उम्र से 8 साल कम जिंदा रहेंगे।
इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अगर दिल्ली का वायु गुणवत्ता WHO के मानकों के हिसाब से साफ हो जाए, यानी कि अगर वायु गुणवत्ता 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो जाए, तो दिल्ली में रहने वाले 1.87 करोड़ लोगों की आयु 7-8 साल तक बढ़ सकती है।
दिल्ली का वायु गुणवत्ता स्तर
बताते चलें कि शिकागो यूनिवर्सिटी की यह रिपोर्ट एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स पर आधारित है। रिपोर्ट में 2022 को बेस ईयर मानते हुए खुलासा किया है कि अगर राजधानी की हवा भारत के राष्ट्रीय मानक 40 µg/m3 भी हो जाए, तो यहां के लोगों की उम्र 3-4 साल तक बढ़ सकती है। दिल्ली ही वह शहर जो भारत का सबसे प्रदूषित शहर है। AQLI रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली ही थी। यहां प्रदूषण का औसत PM2.5 का स्तर 84.3 µg/m3 था। इसके बाद दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश है, जहां औसत PM2.5 का स्तर 65.5 µg/m3 दर्ज किया गया।
किस चीज से कितनी कम होती है उम्र
प्रदूषण के कारण भारतीय लोगों की जिंदगी 3.6 साल कम हो जाता है, कुपोषण के कारण 1.6 साल कम, तंबाकू के कारण 1.5 साल कम और दूषित पानी और गंदगी के कारण भारत में इंसान 8.4 महीने जीवित रहता है। रिसर्च में यह भी दावा किया जा रहा है कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता साल 2021 में जितना था, अगर उतना ही रहता है, तो लोगों की उम्र करीब 12 साल कम हो जाएंगे। बताते चलें कि साल 2021 में दिल्ली में प्रदूषण का औसत PM2.5 का स्तर 126.5 µg/m3 था, वहीं 2020 में यह 111.6 µg/m3 था, जबकि 2019 में 124.4 µg/m3 था।
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