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दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले इंजीनियर्ड लैंडफिल साइट का उद्घाटन किया। यहां वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से निकली राख को डाला जाएगा।

Engineered Landfill Site: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार विकास कार्य किए जा रहे हैं। इस कड़ी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आज मंगलवार को राजधानी के पहले इंजीनियर्ड लैंडफिल साइट का उद्घाटन किया। इसकी जानकारी खुद उपराज्यपाल विनय कुमार और सीएम केजरीवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके दी है। इस लैंडफिल साइट का निर्माण दिल्ली नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। यहां वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से निकली राख को डाला जाएगा। इसके अलावा इस प्रोजेक्ट को 15 एकड़ जगह पर बनाया गया है। इसे बनाने में 42.31 करोड़ रुपये की लागत आई है।

वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से निकलने वाली राख को डाला जाएगा

दिल्ली की पहली इंजीनियर्ड लैंडफिल साइट को तेहखंड इलाके में बनाया गया है। इसे आधुनिक तरीके से बनाया गया है, जिसमें तेहखंड में ही स्थित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से निकलने वाली राख को डाला जाएगा। इस इंजीनियर्ड लैंडफिल साइट (Engineered Landfill Site) को जमीन खोद कर बनाया गया है। इसके अलावा जमीन को दूषित होने से बचाने के लिए भी इसमें पांच लेयर बनाए गए हैं। यह लैंडफिल साइट करीब 5 से 6 सालों में भरेगी। इस इंजीनियर्ड लैंडफिल साइट के चालू होने से कूड़े के वैज्ञानिक निपटान में काफी मदद मिलेगी।

उपराज्यपाल ने कही ये बात

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन 1.0 के तहत 42.31 करोड़ रुपये की लागत से बने इंजीनियर्ड लैंडफिल साइट (ELFS) का निर्माण 30 सितंबर 2021 को शुरू हुआ था। इस अत्याधुनिक संयंत्र के चालू हो जाने से कूड़े के वैज्ञानिक निपटान में काफी सहायता मिलेगी।

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