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Delhi Coaching Hadsa: दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद छात्रों की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ी चुकी है। कोचिंग और लाइब्रेरी संचालकों ने फीस डबल ट्रिपल कर दी है। पढ़ें पीछे की वजह...

Delhi Coaching Hadsa: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए कोचिंग हादसे के बाद काफी कुछ बदल गया है। एक घटना ने दिल्ली के सरकारी तंत्र के सारे पोल खोल दिए। बेसमेंट में पढ़ाई से संबंधित किसी भी कार्य का परिचालन बंद कर दिया गया है, जिससे छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आंकड़े बताते हैं कि करीब 140 कोचिंग और लाइब्रेरी को सील कर दिया गया है, जो अवैध रूप से चलाए जा रहे थे। इससे छात्रों की जेब पर बोझ कई गुना बढ़ चुकी है।

छात्रों की जेब पर पड़ रहा सीधा असर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में हुए कोचिंग हादसे ने 3 छात्रों की जान ले ली थी। राव कोचिंग आईएस बेसमेंट में लाइब्रेरी का संचालन कर रहा था, जिसमें पानी भरने से 3 छात्रों की जान चली गई थी।

इसके बाद एमसीडी समेत प्रशासन की टीम ने अवैध रूप से चल रहे लाइब्रेरी और कोचिंग को सील करना शुरू कर दिया और करीब 140 लाइब्रेरी और कोचिंग को सील कर दिया, जिससे भारी संख्या में छात्र दूसरे कोचिंग और लाइब्रेरी की खोज में भटकने लगे। लाइब्रेरी और कोचिंग संचालकों ने इस आपदा में अवसर को तलाशा और फीस 2 से 3 गुना तक बढ़ा दिए, जिसका सीधा असर छात्रों की जेब पर पड़ रहा है।

बिल्डिंग मालिकों ने देखा आपदा में अवसर

स्टूडेंट्स की मानें तो कई संस्थान जो पहले बेसमेंट में चल रहे थे, अब वह पहली दूसरी या तीसरी मंजिल पर शिफ्ट हो गए हैं, बिल्डिंग मालिकों ने भी बढ़ती डिमांड को देखते हुए कोचिंग संचालकों ने मनमना पैसे वसूले हैं, जिसके कारण कोचिंग या लाइब्रेरी संचालकों को छात्रों की फीस बढ़ानी पड़ी है। कई कोचिंग संस्थान तो राजेंद्र नगर से बाहर शिफ्ट हो गए हैं। छात्रों का कहना है कि जब बेसमेंट में लाइब्रेरी चल रही थी, तो हमें 2 हजार रुपये फीस देना होता था, जो कि अब 4,500 रुपये कर दिया गया है।

गरीब छात्रों का गुजारा करना हुआ मुश्किल

कोचिंग हादसे के बाद यहां गरीब छात्रों का गुजारा करना भी मुश्किल हो रहा है। यूपीएससी की या फिर अन्य नौकरी की तैयारी के लिए कई गरीब छात्र भी पढ़ने दिल्ली आते हैं, लेकिन अब फीस बढ़ जाने से उनका दिल्ली में गुजारा करना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में इस घटना के बाद स्टूडेंट के जीवन में सुधार होने की बजाय छात्रों की मुश्किलें और बढ़ने लगी है। जो छात्र इंसाफ की मांग करते हुए महीने भर से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, अब उनके लिए मुश्किलें पहले से भी अधिक बढ़ चुकी हैं।

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