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दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस आज से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करने जा रही है। शुक्रवार से कांग्रेस 'दिल्ली न्याय यात्रा' निकालेगी और बीजेपी और आम आदमी पार्टी के झूठे वादों की पोल खोलेगी।

Congress Delhi Nyay Yatra: कांग्रेस आज से राजधानी में 'दिल्ली न्याय यात्रा' निकालेगी। इस यात्रा के पहले दिन राहुल गांधी इसमें शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस की यह यात्रा राजघाट से शुरू होगी और फतेहपुरी तक जाएगी। इस दौरान सभी नेता और कार्यकर्ता 25 से 30 किलोमीटर तक पैदल चलेंगे और जनता की समस्या सुनेंगे। 

दरअसल, इस यात्रा के जरिए कांग्रेस एक महीने में 70 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगी। इसके लिए कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता लगभग 360 किलोमीटर तक दिल्ली के इलाकों में घूमेंगे और लोगों से बात करेंगे। यह न्याय यात्रा आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर निकाली जा रही है। इसके जरिए कांग्रेस दिल्ली की सत्ता में आने की कोशिश करेगी।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य दिल्ली की जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ना है। उन्होंने कहा कि  पिछले 11 सालों में आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने दिल्ली वालों से झूठे वादे किए हैं और दिल्ली को विकास के मामले में पीछे धकेल दिया है। इस यात्रा के जरिए दिल्ली वालों को न्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट किया जाएगा। 

देवेंद्र यादव ने बताया कि  'दिल्ली न्याय यात्रा' पहले दिन राजघाट से शुरू होगी। इसके बाद दिल्ली गेट, आसफ अली रोड, तुर्कमान गेट, सीताराम बाजार, हौज काजी चौक और कटरा बारियान होते हुए फतेहपुरी तक निकाली जाएगी। इस दौरान लोगों से समस्याओं को लेकर चर्चा की जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी के नेता आम आदमी पार्टी और बीजेपी की दोहरी नीति और भ्रष्टाचार को सामने लाएंगे। यह यात्रा संविधान की रक्षा और लोकतंत्र के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। 

राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा से प्रेरिता है दिल्ली न्याय यात्रा 

बता दें कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले देश भर में 'भारत जोड़ों यात्रा' निकाली थी। इस यात्रा को कांग्रेस को काफी फायदा भी मिला था। राहुल गांधी की यात्रा से प्रेरित होकर कांग्रेस अब 'दिल्ली न्याय यात्रा' निकाल रही है। ताकि, विधानसभा चुनाव से पहले वोटर्स को पार्टी से जोड़ा जा सके और 11 साल के वनवास के बाद दिल्ली की सत्ता हासिल कर सके। 

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