Delhi Crime: साल 2024 में दिल्ली में अपराधियों ने काफी उत्पात मचाया, या यूं कहें कि दिल्ली में अपराधियों का काफी बोलबाला रहा है। इस साल अपराधियों ने सड़कों से लेकर साइबर क्राइम और अन्य अपराधों तक में दिल्ली को हिला कर रख दिया। जबरन वसूली के बढ़ते मामलों ने दिल्ली पुलिस के साथ ही व्यापारियों और आम जनता को भी परेशान करके रख दिया।
गैंगस्टरों का अड्डा रही दिल्ली
इस साल गैंगस्टरों ने दिल्ली को अपना अड्डा बनाया। जबरन वसूली के बढ़ते मामलों से दिल्ली के व्यापारी और हर दिन होने वाली गोलीबारी ने दिल्ली पुलिस के साथ आम लोगों को भी परेशान करके रख दिया। डर के कारण कई व्यापारियों ने चुपचाप गैंगस्टरों के गुर्गों को पैसे देकर अपनी जान बचाई। वहीं गैंगस्टरों के गुर्गों द्वारा की गई गोलीबारी ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में दहशत फैलाई। इसके कारण बहुत से इलाकों के लोग अंधेरा होने के बाद घर से निकलने में कतराने लगे।
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साइबर फ्रॉड से टेंशन में दिल्ली वासी
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में साइबर फ्रॉड ने भी लोगों में डर पैदा कर दिया। फर्जी कॉल और डिजिटल अरेस्ट और हैकिंग के मामलों में भी बढ़त हुई। साइबर अपराधियों ने लोगों को शिकार बनाकर लाखों की रकम वसूली। इसके अलावा बहुत से लोगों को डराकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर उनसे मोटी रकम वसूली गई। साइबर क्रिमिनल्स को पकड़ने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं साइबर क्रिमिनल्स एन्क्रिप्शन और अनजान नेटवर्क का इस्तेमाल करके पकड़े जाने से बचते रहे। विदेश में बैठे गैंगस्टर एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए अपने गुर्गों को निर्देश देते रहे। इनमें बवाना गैंग, लॉरेंस बिश्नोई गैंग सबसे ज्यादा सक्रिय रही।
अराजकता की कगार पर रही दिल्ली
दिल्ली अराजकता की कगार पर रहा और ऐसे में कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए बड़े कदम उठाने की जरूरत महसूस हुई। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने अपनी छवि सुधारने के लिए कागजों पर स्थिति संभाल ली। ऐसे में 2024 में हुई हत्याओं का आंकड़ा लगभग 2023 के बराबर रहा। हालांकि जमीनी हकीकत कुछ और ही कह रही है। वहीं इस साल दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी एक दूसरे के आमने-सामने नजर आए। दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करती रहीं।
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