Online Fraud: दक्षिण पश्चिम जिले की साइबर पुलिस ने ऑनलाइन निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह से जुड़े एक जालसाज को गिरफ्तार किया है। इस पर ठगी करने वाले गिरोह को फर्जी कागजातों पर खोले गए बैंक खाते उपलब्ध करवाने का आरोप है। इसके एवज में इसे अच्छा कमीशन प्राप्त होता था। आरोपी के खिलाफ गृह मंत्रालय के पोर्टल पर ठगी की कई शिकायतें लिंक मिली हैं।
ठगी की जांच में धरा गया
डीसीपी रोहित मीना के अनुसार, गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गांव पंजू सराय निवासी इसरार अली है। इसरार द्वारा जालसाजी व ठगी करने वाले गिरोह को उपलब्ध कराए गए बैंक खाते में 26 लाख 40 हजार 820 रुपये ट्रांसफर किए गए थे। पुलिस ने इसके पास से मोबाइल, तीन एटीएम किट और चेक बुक बरामद की है।
ठगी करने वालों को उपलब्ध करवाता था बैंक खाते
पुलिस पूछताछ में इसरार ने बताया कि वह अभी तक गिरोह को 12 बैंक खाते फर्जी दस्तावेजों पर खुलवाकर उपलब्ध करवा चुका है। हर खाते पर उसे 15 हजार रुपये मिलते थे। गत माह साइबर थाने को पालम गांव के साध नगर निवासी दीपक कुमार ने ठगी की शिकायत दी थी। शिकायत में बताया गया था कि एक युवती ने उनके पास कॉल कर वर्क फ्रॉम होम का ऑफर दिया था। उसने कहा कि डिटेल्स आगे कंपनी को भेजी रही है, जो उनसे संपर्क करेगी।
इसके बाद उसी दिन दीपक के पास एक अन्य नंबर से कॉल आई। उसने पीड़ित से कहा कि वह ऑनलाइन निवेश कराते हैं। इस पर भारी मुनाफा मिलता है। इसके बाद पीड़ित ने कुछ पैसा निवेश कर दिया। फिर जालसाजों ने उन्हें मुनाफा भेजा। इस पर दीपक को भरोसा हो गया। उसने मोटी रकम का निवेश कर दिया। इसके बाद शातिरों ने उन्हें एक रुपया भी नहीं भेजा। तब जाकर उसे ठगी का पता चला।
जालसाजों ने उससे 26 लाख से ज्यादा रुपये ठग लिए थे। मामले की जांच में पता चला कि ठगी की रकम कई खातों में ट्रांसफर की गई है। ढाई लाख रुपये नोएडा के सेक्टर-44 स्थित खजूर कॉलोनी निवासी मोहम्मद बिलाल के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं। पूछताछ में उसने बताया कि उसके दोस्त इसरार अली ने नौकरी दिलाने की बात कहकर बैंक खाता खुलवाया था। आरोपी इसरार खाते की किट अपने साथ ले गया था। इसके बाद पुलिस ने इसरार को गिरफ्तार कर लिया।