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मजनू का टीला के यमुना डूब क्षेत्र में शनिवार से अवैध निर्माण हटाने के आदेश कोर्ट ने दिए थे। गुरुद्वारा के पास अवैध निर्माण ढहाने के लिए टीम पहुंची, लेकिन नोटिस चस्पा कर लौट गए। पढ़िये इसके पीछे की वजह...

दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने मजनू का टीला में गुरुद्वारा के पास अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई टाल दी है। यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर होनी थी, लेकिन ऐन वक्त पर इसे टाल दिया गया है। डीडीए सूत्रों ने इस कार्रवाई के टलने की वजह नहीं बताई है, लेकिन कहा है कि कल यानी रविवार को यह कार्रवाई हो सकती है। हालांकि मजनू का टीला में सिविल लाइन एरिया में बुलडोजर एक्शन शुरू हो चुका है। 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मजनू का टीला स्थित डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण है। यहां पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी अवैध निर्माण कर यहां रह रहे हैं। कोर्ट ने इस डूब क्षेत्र से अवैध अतिक्रमण हटाने के निर्देश डीडीए को दिए थे। कोर्ट के आदेश पर शनिवार को यह अवैध निर्माण ढहाना प्रस्तावित था। डीडीए की टीम गुरुद्वारा के पास स्थित अवैध निर्माण को ढहाने के लिए बुलडोजर के साथ पहुंची, लेकिन ऐन वक्त पर यह कार्रवाई आगे के लिए टाल दी गई है। साथ ही, आगे की कार्रवाई के लिए नोटिस चस्पा कर टीम बुलडोजर समेत लौट गई। 

कल चलेगा अभियान?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब यह अभियान शनिवार की बजाए रविवार को चलेगा। मजनू का टीला में गुरुद्वारा के पास यमुना डूब क्षेत्र से अवैध निर्माण ढहाने का अभियान शुरू होगा। सुबह ही डीडीए के आला अधिकारी और भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच जाएगा, जिसके बाद यमुना डूब क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। उधर, मजनू का टीला में सिविल लाइन के पास अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। यहां पढ़िये विस्तृत खबर...  

दूसरी बार टाला गया अभियान

इससे पहले भी डीडीए ने यहां के अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई टाल दी थी। लेकिन, कोर्ट के आदेश पर शनिवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्रस्तावित थी, जिसके चलते यहां रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों में डर का माहौल था। कार्रवाई टलने से इन्होंने राहत की सांस ली है, लेकिन उनकी नींदे अभी भी उड़ी हैं कि किस वक्त डीडीए उनके घरों को ढहा न दे।

स्थायी समाधान करने की मांग

यहां के लोगों की मांग है कि डीडीए की ओर से पहले भी उन्हें नोटिस दिया गया था कि यहां से अवैध निर्माण को ढहा दिया जाएगा। अब फिर से नया नोटिस जारी कर दिया है। माया नामक महिला का कहना है कि हम यहां पिछले करीब 20 सालों से यहीं रह रहे हैं। सरकार को हमारी समस्या पर ध्यान देकर स्थायी आसरा देना चाहिए।

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