CM Atishi Inaugurate Delhi State School Games: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली स्टेट स्कूल गेम्स 2024-25 का भव्य शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि खेल में इस्तेमाल होने वाले सामान काफी महंगे आते हैं, लेकिन खेलों में प्रतिभा पैसों की मोहताज नहीं होती। उन्होंने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उनके टैलेंट को पहचानने और विकसित करने के लिए राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी। सीएम ने इस आयोजन को स्कूल स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम फैसला बताया कदम बताय। सीएम आतिशी खिलाड़ियों को अपनी मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
अखबारों के हेडलाइंस में आए जीतने वालों के नाम
सीएम आतिशी ने खेलों के प्रति दिल्ली सरकार की वादे के मुताबिक कहा कि वे आने वाले समय में दिल्ली के खिलाड़ियों को ओलंपिक और एशियाई गेम्स में पदक जीतते देखने की उम्मीद करती हैं। यह भी कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में जब हम अखबारों में हेडलाइंस देखेंगे तो उसमें ओलंपिक और एशियाई गेम्स में पदक जीतने वाले इनमें से कई बच्चे होंगे। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रतिभा कभी भी धन या पारिवारिक स्थिति नहीं देखती।
17 साल तक के बच्चों को ट्रेनिंग के लिए मिलेंगे इतने पैसे
इसलिए, दिल्ली सरकार ने "Play And Progress Scheme" शुरू की है, जिसके तहत 17 साल तक के बच्चों को ट्रेनिंग के लिए 2 से 3 लाख रुपये तक का सहयोग दिया जाएगा। इसके साथ ही, "Mission Excellence" जैसी योजनाएं भी खिलाड़ियों को फाइनेंनसियल स्पोर्ट करती हैं। आतिशी ने यह स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी की सरकार बच्चों के विकास पर फोकस कर रही है, ताकि वे अपने खेल करियर में सफलता हासिल कर सकें।
क्या है खेल जगत की सबसे अनोखी बात
सीएम आतिशी ने युवा खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि जब आप मैदान पर 10 से 15 मिनट के लिए खेल रहे होंगे, तब हम आपको उसी वक्त देख पाते हैं, बल्कि इसके पीछे सालों और महीनों की तैयारी नहीं देख पाते हैं। खेल जगत की सबसे अनोखी बात ही यही है कि हम प्रदर्शन में सिर्फ मनोरंजन और गतिविधियां देखते हैं, जबकि इसके पीछे लगी सालों-साल की मेहनत नहीं देख पाते हैं।
खेलों की सूची में शामिल अधिकांश खेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं और ये युवा खिलाड़ियों को अपने कौशल को दिखाने और प्रतिस्पर्धा करने का एक बड़ा अवसर प्रदान करते हैं। इन खेलों को बढ़ावा देने से न केवल खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरती है, बल्कि देश का नाम भी रोशन होता है। इसमें एथलेटिक्स, तैराकी, सॉफ्टबॉल, क्रिकेट, जिमनास्टिक, कुश्ती और जूडो शामिल हैं।