Delhi News: दिल्ली में नई कैबिनेट का गठन हुआ है। आप नेता अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा के बाद आतिशी को दिल्ली का सीएम बनाया गया है। आतिशी कैबिनेट में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को उनकी मंत्रालय सौंप दी गई है। गहलोत ने आतिशी कैबिनेट में पदभार संभालते हुए कहा कि मैं केजरीवाल का हनुमान बनकर काम करूंगा। पदभार संभालते ही कैलाश गहलोत ने जेल में बंद 14 कैदियों को सजा पूरी होने से पहले रिहा करने का फैसला किया है। इसके लिए उन्होंने दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना के पास प्रस्ताव भेजा है।
इससे पहले भी भेजा गया था प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार चाहती है कि जेल में बंद 14 कैदियों को उनकी सजा पूरी होने से पहले ही रिहा कर दिया जाए। इससे पहले इसी साल के 23 फरवरी को एसआरबी की बैठक के बाद गृह मंत्री ने ही सिफारिश की थी, लेकिन दिल्ली के एलजी ने प्रस्ताव नामंजूर कर दिया था, अब कैलाश गहलोत भी उसी कयावत में लगे हैं।
बैठक में कौन-कौन थे शामिल
गहलोत ने जिस बैठक में यह फैसला किया है, उसमें अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव, कानून प्रमुख सचिव प्रधान जिला न्यायाधीश, जेल महानिदेशक, विशेष पुलिस आयुक्त और समाज कल्याण निदेशक सहित प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान एसआरबी ने कुल 92 मामलों की समीक्षा की और फिर सिफारिश की गई की 14 दोषियों को सजा पूरी होने से पहले रिहा की जाए।
दोषियों को क्यों रिहा करना चाह रही आप
कैलाश गहलोत ने कहा कि सजा समीक्षा बोर्ड ने न्याय और पुनर्वास के सिद्धांतों को ध्यान में रखा है और सभी दोषियों के इंडिविजुअल मेरिट के आधार पर विचार किया है। हम वैसे कैदी को एक मौका देना चाह रहे हैं, जिनमें कारावास के दौरान सुधार और पश्चाताप दिखा है। समय से पहले उन्हें रिहाई देकर हम उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास करना चाहते हैं। इससे जेल पर भी बोझ घटेगा।
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