दिल्ली में नशे का कारोबार बहुत अधिक बढ़ता जा रहा है। इस काले कारोबार में स्थानीय लोगों के साथ कई विदेशी लोग भी शामिल हैं। विदेशी तस्करों ने पश्चिमी दिल्ली और द्वारका को अपना गढ़ बना लिया है। यहां से सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि पूरे एनसीआर में ड्रग्स सप्लाई की जाती है। पुलिस के मुताबिक, ये ड्रग तस्करी में शामिल ज्यादातर लोग दक्षिण अफ्रीकी मूल के हैं। ये तस्कर विदेशों में ड्रग्स की सप्लाई करते थे और इसके साथ ही किराये पर मकान लेकर उसमें नशे का सामान भी तैयार करते हैं।
इस साल 17 विदेशी ड्रग्स तस्कर हुए गिरफ्तार
दिल्ली और द्वारका में रहने वाले ये विदेशी तस्कर यहां के स्थानीय लोगों के साथ-साथ अन्य देशों के नशा तस्करों के संपर्क में रहते हैं। इसके चलते उन्हें ड्रग्स सप्लाई करने में आसानी होती है और अलग-अलग एजेंटों की जरूरत नहीं पड़ती है। हाल ही के दिनों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अफ्रीका के आइवरी कोस्ट की रहने वाली दो महिलाओं को नशा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इनके पास से पुलिस ने करोड़ों रुपये के ड्रग्स बरामद किए थे।
विदेशी तस्करों ने ड्रग्स को नांगलोई के चंदर विहार स्थित अपने घर में छिपा कर रखा था। जहां पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ड्रग्स को जब्त करते हुए तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 17 विदेशी नागरिकों को ड्रग्स तस्करी में गिरफ्तार किया गया। इन तस्करों में 13 नाइजीरिया, एक घाना और 3 आइवरी कोस्ट के रहने वाले नागरिक शामिल हैं।
द्वारका पुलिस ने 73 विदेशियों को किया निर्वासित
दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ पुलिस लगातार अभियान चला रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस साल द्वारका की जिला पुलिस ने 73 नागरिकों को पकड़कर देश से निर्वासित किया। इन विदेशी नागरिकों में 65 नाइजीरिया, 5 अरावली कोस्ट और घाना, युगांडा व गिनी के एक-एक नागरिक शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, इन नागरिकों में से ज्यादातर लोग बिजनेस वीजा, यात्री वीजा और मेडिकल वीजा लेकर भारत आए थे।
पश्चिमी दिल्ली और द्वारका में ठिकाना
जो विदेशी नागरिक भारत में आए, उनमें से कई लोग वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी गलत तरीके से यहां पर रहते हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये लोग काम न होने पर देश में पहले से रह रहे ड्रग्स तस्करों के संपर्क में आते हैं और फिर उनके साथ मिलकर तस्करी करने लगते हैं। इन विदेशी तस्करों का ठिकाना अधिकतर पश्चिमी दिल्ली और द्वारका के साथ बाहरी जिलों में है। विदेशी नागरिकों में शामिल अफ्रीकी मूल के ज्यादातर लोग उत्तम नगर, मोहन गार्डन, डाबड़ी, पालम, विकासपुरी, तिलक नगर, राजौरी गार्डन, निहाल विहार के इलाकों में रहते हैं।
इस साल 1500 से ज्यादा तस्कर गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने इस साल करीब 1500 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से करोड़ों रुपये के ड्रग्स भी बरामद किए हैं। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर लगातार तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में ड्रग्स तस्करों को पकड़ने के लिए व्यापक तौर पर अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस तस्करी से जुड़े आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उनसे जुड़े अन्य तस्करों के बारे में पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई करती है।
नए साल के जश्न पर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
नए साल के मौके पर दिल्ली के लोगों को खासकर युवाओं को नशे में झोंकने की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए सभी सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। इन सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से भी लगातार ड्रग्स के कारोबार से जुड़े तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने हाल ही में अक्टूबर के महीने में 560 किलोग्राम और फिर उसके बाद रमेश नगर से 200 किलोग्राम कोकीन बरामद की है, जिसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।
इसके अलावा दो दिन पहले ही 27 दिसंबर को कस्टम विभाग ने फिलीपींस के दो नागरिकों को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया। इनके पास से 17.68 करोड़ रुपये के कोकीन बरामद की गई। इन दोनों आरोपियों ने कोकीन से बने बहुत से कैप्सूल निगल लिए थे।
किराये के घर में बना रहे नशा
इस साल तस्करों के खिलाफ जांच के दौरान खुलासा हुआ कि कई तस्कर ड्रग्स की खेप को बाहर से न मंगाकर भारी मात्रा में इसे किराये पर लिए कमरे में तैयार कर रहे हैं। पुलिस ने 30 जनवरी को ग्रेटर नोएडा स्थित एक घर में छापा मारा था, जहां पर 4 अफ्रीकी नागरिकों को नशे का सामान बनाते हुए पकड़ा गया। जांच में सामने आया कि ये लोग कमरे में ही केमिकल की मदद से मेथामफेटामाइन ड्रग्स तैयार कर रहे हैं।
वहीं पुलिस ने 11 मार्च 2024 को बुराड़ी में एक फैक्ट्री का खुलासा किया, जहां पर गलत तरीके से मेथामफेटामाइन ड्रग्स बनाया जा रहा था। इसका खुलासा उस समय हुआ, जब ड्रग्स बनाने के दौरान फैक्ट्री में विस्फोट हो गया। जांच में पुलिस को वहां से भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद किया।
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