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Delhi Coaching Hadsa: दिल्ली कोचिंग हादसे में गिरफ्तार कार ड्राइवर पर पुलिस मस्तीखोर होने का आरोप लगा रही है। पुलिस का कहना है कि कार ड्राइवर की मस्ती के कारण यह हादसा हुआ है। चलिए बताते हैं दोनों पक्षों ने क्या दलील पेश की।

Delhi Coaching Hadsa: दिल्ली कोचिंग हादसे को लेकर सिर्फ दिल्ली का ही नहीं, बल्कि देशभर का माहौल काफी गर्म है। इसको लेकर एमसीडी और दिल्ली सरकार द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने साफ कर दिया है कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और उसे सजा दी जाएगी।

इस क्रम में अभी तक 19 कोचिंग सेंटर सील कर दिए गए हैं, जबकि आधा दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ताज्जुब की बात है कि पुलिस ने उस कार ड्राइवर को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिसके गुजरने के बाद कोचिंग सेंटर का दरवाजा टूटा और हादसा हुआ। पुलिस ने कार ड्राइवर की जमानत का विरोध भी किया है।

'जबरदस्ती बलि का बकरा बनाया जा रहा'

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार ड्राइवर की गिरफ्तारी को लेकर कई सवाल भी उठाए जा रहे हैं। छात्र उन्हें निर्दोष बता रहे हैं, उन्हें जबरदस्ती बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाया जा रहा है। पुलिस ने कार ड्राइवर पर आरोप लगाया है कि सड़क पर पानी भरे होने के बाद भी वह अपनी कार को तेजी से लेकर निकला, जिसके कारण पानी में दबाव बना और इस प्रेशर से दरवाजा टूट गया और इतना बड़ा हादसा हो गया।

आज कार ड्राइवर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से वह खुद को निर्दोष बताते हुए जमानत की मांग कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने उसकी जमानत का विरोध किया और कहा कि कार ड्राइवर मस्तीखोर है, उसकी मस्ती के कारण यह हादसा हुआ है।

कार ड्राइवर ने क्या दलील दी है

कार ड्राइवर का कहना है कि उन्हें जबरदस्ती मुख्य अपराधी बनाने की कोशिश की जा रही है। सड़क पर इतना पानी होने के कारण वहां कार चलाना भी मुश्किल हो रहा था, लेकिन मुझपर आरोप है कि मैनें अपनी गाड़ी तेज भगाई। अब यह तो संभव है नहीं कि मैं हर दरवाजे पर जाकर पूछा कि क्या मैं यहां से गाड़ी लेकर जा सकता हूं।

मुझे लापरवाही से गाड़ी चलाने के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि मुख्य अपराधी पकड़ा जाए और पुलिस मुझे मुख्य आरोपी बनाना चाह रही है। एमसीडी समेत सभी विभाग को मामले में नोटिस दिया गया, लेकिन मुझे नोटिस नहीं मिला और सीधे गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस ने जमानत के विरोध में क्या कहा

पुलिस ने कहा कि जहां पर भी पानी भरा होता है, वहां हम अपनी कार की स्पीड कम कर लेते हैं, लेकिन कार ड्राइवर ने ऐसा नहीं किया। उसने सोचा होगा कि इसमें मेरा क्या जा रहा है। अगर पानी के तेज बहाव को देखकर वह वहीं रुक जाता, तो हादसा नहीं होता। पुलिस ने कहा कि कार ड्राइवर घटनास्थल का लोकल है, वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है, इसलिए उसे जमानत नहीं मिलनी चाहिए। इससे साफ है कि कार ड्राइवर मस्तीखोर है और उसकी मस्ती के कारण यह हादसा हुआ है। तीस हजारी कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनी और फैसला सुरक्षित रख लिया है।

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