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Delhi Coaching Hadsa: दिल्ली के जिस बिल्डिंग में राव आईएएस कोचिंग क्लास चल रहा था, वह बिल्डिंग ही इलिगल है। इसमें कई विभाग की गलती सामने आई है। चलिए बताते हैं क्या है पूरा मामला।

Delhi Coaching Hadsa: दिल्ली के राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे में हुई घटना के बाद राव आईएएस कोचिंग सेंटर को लेकर कई खुलासे हुए हैं। दावा किया जा रहा है कि यह बिल्डिंग ही इलिगल है। इसी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में शनिवार को यह हादसा हुआ था, जिसमें 3 लोगों की मौत हुई थी। उस समय तक तो ऐसा लग रहा था कि यह कोचिंग इलिगल है, क्योंकि यहां बेसमेंट में लाइब्रेरी बनी थी, जिसमें 35 छात्र पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन अब जो खबर आ रही है वह और भी हैरान करने वाली है। अब दावा किया जा रहा है कि यह बिल्डिंग ही इलिगल है। चलिए बताते हैं क्या है पूरा मामला।

फायर विभाग पर भी उठे सवाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बिल्डिंग रेजिडेंशल प्लॉट पर बना हुआ है, लेकिन इसका पूरी तरह से कमर्शियल इस्तेमाल किया जा रहा है। इसको लेकर करोल बाग जोन के बिल्डिंग विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि उसने कंप्लीशन सर्टिफिकेट कैसे या। यहां तक की बिल्डिंग बनाने के क्रम में बायलॉज की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं, लेकिन फिर भी बिल्डिंग पर एक्शन नहीं लिया गया।

सवालें के घेरे में तो फायर विभाग भी आता है, विभाग ने इतनी बड़ी बिल्डिंग को फायर एनओसी कैसे जारी कर दिया। फायर विभाग द्वारा इतनी बड़ी बिल्डिंग को एनओसी देने का आधार होता है कि बिल्डिंग के चारों तरफ फायर टेंडर आसानी से मूवमेंट कर सकें। लेकिन बिना जांच किए ही इस बिल्डिंग को एनओसी जारी कर दिया गया।

बिल्डिंग बायलॉज की उड़ाई गई धज्जियां

इस बिल्डिंग को बनाए जाने के क्रम में बायलॉज की धज्जियां उड़ाई गई है। बायलॉज में था कि बिल्डिंग में एक ही बेसमेंट में बनाया जाएगा, लेकिन 2 बेसमेंट बनाया गया है। यह हादसा जिस बेसमेंट में हुआ वह सबसे नीचे वाला बेसमेंट ही था। एमसीडी द्वारा जो कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी किया गया था, वह रिहायशी मकान के लिए था, लेकिन यहां कमर्शियल बिल्डिंग बना दिया गया और अधिकारियों द्वारा इसकी जांच भी नहीं की गई।

ओरिजिनल प्लान में 2 स्टेयर का जिक्र

ओरिजनल प्लान में बताया गया था कि बिल्डिंग में एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग दो स्टेयर बनाए जाएंगे, लेकिन फिलहाल सिर्फ एक ही स्टेयर का इस्तेमाल किया जा रहा था, दूसरे को बंद कर दिया गया था। इससे साफ है कि इलिगल सिर्फ यह कोचिंग नहीं था, बल्कि यह बिल्डिंग भी इलिगल है। यह कई विभाग के लापरवाही के कारण हुआ है।

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