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Delhi-Dehradun Expressway: दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे के दिल्ली से बागपत तक का काम पूरा हो गया है। इसके हिस्से को ईस्टर्न पेरिफेरल से भी जोड़ दिया गया है। इससे सफर आसान होगा।

Delhi-Dehradun Expressway: दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे के दिल्ली से बागपत तक आवाजाही के लिए दोनों सेक्शन का काम पूरा हो गया है। अब केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान से इस सेक्शन की सेफ्टी ऑडिट कराई जाएगी। 32 किलोमीटर लंबे इस सेक्शन के उद्घाटन के बाद यात्रियों का सफर आसान होगा। दिल्ली से देहरादून पहुंचने में 6 घंटे की बजाय मात्र 2.5 घंटे का समय लगेगा। लोग लंबे समय से इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। खास बात है कि इस एक्सप्रेसवे के उद्घाटन को लेकर भी बड़ी अपडेट सामने आई है।  

उद्घाटन के लिए तैयार है एक्सप्रेसवे 

बता दें कि एक्सप्रेसवे के दोनों सेक्शन की लंबाई 32 किलोमीटर है। इसका 17 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड हिस्सा दिल्ली में हैं। इसका 15 किलोमीटर लंबा हिस्सा गाजियाबाद और बागपत की सीमा में आता है। दिल्ली देहरादून का जो हिस्सा उद्घाटन के लिए तैयार है, उसे बागपत के पास मवीकला गांव में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है। दिल्ली चुनाव की घोषणा से पहले इसका उद्घाटन किया जाना था, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों के कारण उद्घाटन कार्यक्रम नहीं हो सका। 

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एक्सप्रेस वे सेक्शन के काम पूरे

NHAI अधिकारी की तरफ से कहा गया है कि इस एक्सप्रेसवे के सभी अधूरे कामों को पूरा कर लिया गया है। इनमें सबसे ज्यादा जरूरी एक्सपेंशन जॉइंट का काम था। ये काम पहले किया जा चुका था लेकिन तय मानकों के अनुसार काम न होने के कारण काम दोबारा किया गया है। इस बार दोनों सेक्शन एक्सपेंशन जॉइंट तय मानक के अनुसार लगाए गए हैं। अब काम पूरा होने के बाद दोनों सेक्शन का सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। अधिकारियों की मानें तो सब कुछ ठीक रहा तो अप्रैल महीने में ही इसका उद्घाटन किया जा सकता है। 

आपस में जुड़ेंगे ये तीन एक्सप्रेसवे

ये एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से बागपत तक तैयार हो चुका है। अब इसे बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल से जोड़ा गया है। ईस्टर्न पेरिफेरल पहले से ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ा हुआ है। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद तीनों एक्सप्रेसवे आपस में जुड़ जाएंगे, जिससे लोगों को राहत मिलेगी। 

2023 में परियोजना का काम होना था पूरा

बता दें कि साल 2023 में ही इस परियोजना को पूरा किया जाना था लेकिन एक्सप्रेसवे के दोनों सेक्शन का काम पूरा नहीं हो पाया। पहले 31 मार्च को काम पूरा किए जाने की तारीख निश्चित थी बाद में कई बार तारीखों का बदलाव किया गया। शुरुआत में दिल्ली सेक्शन में मशीनें और मजदूर कम रहे। साथ ही गाजियाबाद में सर्विस रोड के लिए लगभग 50 मीटर जमीन का विवाद था। आवास विकास परिषद की तरफ से NHAI को ये जमीन देनी थी लेकिन विवाद के कारण ऐसा नहीं हो सका। इसके कारण तय मानकों के अनुसार एक्सप्रेशन जॉइंट नहीं लगे, जिसके कारण इस परियोजना में देरी हो गई।

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