Delhi Politics: दिल्ली में चुनाव से पहले से यमुना की सफाई एक अहम मुद्दा रहा। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सार्वजनिक तौर पर मान लिया कि वे यमुना की सफाई करने में असफल रहे। इस मुद्दे ने चुनाव से पहले काफी जोर पकड़ा। चुनाव जीतने के बाद कैबिनेट मंत्र और मुख्यमंत्री बनने से पहले ही यमुना की सफाई का काम शुरू हो गया था। वहीं अब सरकार ने यमुना की सफाई को लेकर फैसला किया है कि दिल्ली में कार साफ करने वाले साबुन और डिटर्जेंट को बैन किया जाएगे। मंत्री प्रवेश वर्मा ने इस बात की जानकारी दी है।
यमुना की सफाई के लिए दिल्ली सरकार का नया कदम
जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा, 'दिल्ली सरकार यमुना को साफ करने के लिए बहुत गंभीर हैं। हमें यमुना को साफ करने के लिए सबका साथ चाहिए। यमुना मैया के लिए हम हर छोटा-बड़ा कदम उठाएंगे। इसी कड़ी में हम कार धोने वाले उत्पादों पर बैन लगा रहे हैं। ये यमुना की सफाई की योजनाओं में से एक है। हम शहर में इसे लागू करना चाहते हैं।'
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नालों से यमुना में पहुंचते हैं खतरनाक केमिकल्स
दरअसल कार धोने वाले इन प्रोडेक्ट्स में फॉस्फेट और सर्फेक्टेंट होते हैं। ये नालों में गिरते हैं और फिर जाकर यमुना में मिल जाते हैं। इसलिए नदी को साफ करने के लिए ऐसे सख्त कदम उठाने जरूरी हैं। वहीं उन्होंने कहा कि वे साबुन और डिटर्जेंट पर बैन लगाने के लिए नगर निगम की मदद ले सकते हैं। सरकार का कहना है कि कार धोने वाले साबुन और डिटर्जेंट पर बैन लगने से पानी में जाने वाले हानिकारक केमिकल की मात्रा कम हो जाएगी। इससे यमुना नदी को साफ करने में थोड़ी मदद मिलेगी।
STP के पास कार धोने के सेंटर खोलेगी दिल्ली सरकार
इसके अलावा सरकार एक और योजना पर भी विचार कर रही है। इस योजना के तहत सरकार STP के पास कार धोने के सेंटर खोलेगी। इन सेंटरों पर यमुना के ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे लोगों को गाड़ियां धोने के लिए साफ पानी भी मिल जाएगा और यमुना नदी भी प्रदूषित नहीं होगी। इसके अलावा सरकार इन उत्पादों से होने वाले नुकसान के बारे में भी जनता को जागरुक करेगी। प्रवेश वर्मा ने कहा कि STP के पास कार धोने के सेंटरों पर लोग कम कीमत पर गाड़ियां धुलवा सकते हैं।
एक्शन मोड में प्रवेश वर्मा
दिल्ली में भाजपा सरकार आने के बाद से ही मंत्री प्रवेश वर्मा एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। वे अलग-अलग इलाकों में जाकर वहां का जायजा ले रहे हैं। वहां की कमियों को सुधारने के लिए अधिकारियों को निर्देश देते हैं। इसके बाद फिर से उस जगह का जायजा लेते हैं और अगर काम नहीं हो पाता, तो अधिकारियों की क्लास लगा देते हैं। हाल ही में उन्होंने काम में ढिलाई बरतने वाले इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया था।
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