Sakhi Bus Depot: परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शनिवार को दिल्ली के पहले महिला बस डिपो 'सखी बस डिपो' का उद्घाटन किया। यह डिपो पूरी तरह महिला कर्मियों को समर्पित है, जिसमें महिला चालक और कंडक्टर अहम भूमिका निभाएंगी।
प्रदर्शन के बीच हुआ उद्घाटन
उद्घाटन के दौरान डिपो की महिला कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने समान काम के लिए समान वेतन और वेतन फिक्स करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वर्तमान वेतन से उनका गुजारा मुश्किल है। परिवहन मंत्री ने उनकी समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन शांत हुआ।
महिलाओं के लिए खास सुविधाएं
डिपो में कुल 223 महिला कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें 89 महिला ड्राइवर और 134 कंडक्टर शामिल हैं। ये महिलाएं डिपो से 70 बसों का संचालन करेंगी। बसों में 40 एसी और 30 नॉन-एसी बसें शामिल हैं, जो दिल्ली के 17 रूटों पर चलेंगी।
महिला ड्राइवरों के लिए प्रशिक्षण और सुधार
परिवहन मंत्री ने बताया कि महिला ड्राइवरों की संख्या बढ़ाने के लिए कम से कम ऊंचाई सीमा 159 सेमी से घटाकर 153 सेमी कर दी गई है। इसके अलावा, महिला चालकों को बसों में पावर स्टीयरिंग और मिली हुई सीटों की सुविधा दी गई है। महिला चालकों को मुफ्त प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है।
डीटीसी बसों का झज्जर तक विस्तार
वहीं दिल्ली से हरियाणा के झज्जर तक डीटीसी बस सेवा की शुरुआत भी हो गई है। ढांसा बॉर्डर से झज्जर के लिए दो बसों को रवाना किया गया। महिलाओं के लिए इन बसों में सफर मुफ्त रहेगा, जबकि पुरुषों के लिए 65 रुपये का किराया निर्धारित किया गया है। वहीं, इस मौके पर कैलाश गहलोत ने कहा कि सखी बस डिपो महिलाओं के लिए परिवहन सेक्टर में क्रांतिकारी कदम है। दिल्ली सरकार ऐसे और डिपो खोलने की योजना पर काम कर रही है। इसके साथ ही डीटीसी बस सेवाओं का विस्तार ग्रामीण इलाकों तक किया जाएगा।
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