देश की राजधानी दिल्ली वक्त के साथ बेहद तेजी से बदल रही है। यहां हर जगह सड़क, फ्लाईओवर और मेट्रो का जाल बिछा है। इसके चलते एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचना बेहद सुगम हो गया है। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब दिल्ली की रफ्तार उत्तर रेलवे की ट्रेनों पर निर्भर रहती थी। आज भी दिल्ली में रिंग रेल नेटवर्क उपलब्ध है, जो कि 12 रुपये में राजधानी की सैर कराता है। इस रेल नेटवर्क का एक स्टेशन गुमनामी के अंधेरे में खो चुका है, जिसका पाकिस्तानियों से भी गहरा संबंध है।
हम दिल्ली के लोधी कॉलोनी रेलवे स्टेशन की बात कर रहे हैं। इस स्टेशन का निर्माण 1930 के दशक में हुआ था। यहां से केवल एक ट्रेन चलती थी, जो कि सुबह और शाम दो बार यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती थी। 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ तो इसी रेलवे स्टेशन से लाहौर के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी। भारत से पाकिस्तान जाने वाले लोगों ने इसी स्टेशन से यह स्पेशल ट्रेन पकड़ी थी। उस वक्त यहां इतनी अधिक भीड़ रहती थी कि पांव रखने तक की जगह नहीं मिलती थी। लेकिन आज इस स्टेशन पर मुश्किल से 8-10 लोग ही नजर आते हैं। रात को तो यह स्टेशन पूरी तरह से गुमनामी में चला जाता है।
इतिहास के प्रोफेसर डॉ. रमेश टूटेजा बताते हैं कि यह स्टेशन न केवल भारतीयों के लिए बल्कि पाकिस्तानियों के लिए भी बंटवारे की यादों का अहम हिस्सा रहा है। वक्त के साथ यह स्टेशन कई अन्य स्टेशनों से जुड़ चुका है, लेकिन यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ने का भी इस पर अधिक असर नहीं देखा गया।
रोहतक तक के लिए मिलता था टिकट
रिंग रेल नेटवर्क की कुल दूरी 35 किलोमीटर है। यहां से आसपास के रेलवे स्टेशनों के लिए टिकट मिल जाता था। सबसे महंगा टिकट रोहतक के लिए था। वर्तमान में दिल्ली के रेलवे स्टेशनों की संख्या भी बढ़ चुकी है। दिल्ली में कुल 38 ऐसे रेलवे स्टेशन हैं, जो कि माइनर कैटगिरी में आते हैं। लोधी कॉलोनी रेलवे स्टेशन भी इस सूची में शामिल है।
इसके अलावा शिवाजी ब्रिज, सब्जी मंडी, तिलक ब्रिज, तुगलकाबाद, विवेकानुद पुरी, विवेक विहार, आजादपुर, बादली, बिजवासन, बरार स्क्वायर, चाणक्यपुरी, दया बस्ती, दिल्ली इंद्रपुरी, दिल्ली किशनगंज, दिल्ली सफदरजंग, घेवरा, गोकुलपुर सबोली हाल्ट, होलंबी कलां, खेड़ा कलां, कीर्ति नगर, लाजपत नगर, मंडावली-चंदर विहार, मंगोलपुरी, मुंडका, नांगलोई, नारायणा विहार, नरेला, ओखला, पालम, पटेल नगर, प्रगति मैदान, सदर बाजार, सरदार पटेल मार्ग, सरोजिनी नगर, सेवा नगर, शाहबाद मोहम्मदपुर और शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन भी इस सूची में शामिल है। लेकिन, नॉर्दन रेलवे के लोधी कॉलोनी रेलवे स्टेशन ने ऐसा इतिहास संजो रखा है, जिसकी वजह से इसका नाम बार-बार जिक्र में आता रहेगा।
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