Delhi LG VK Saxena letter to CM Atishi: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार, 16 दिसंबर को मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर लंबित 14 नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा के स्पेशल सेशन में पेश करने की मांग की है। उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली सरकार लंबे समय से इन रिपोर्टों को सदन के पटल पर रखने में विफल रही है, जो एक संवैधानिक दायित्व है।
क्या है CAG रिपोर्ट का महत्व?
एलजी ने अपने पत्र में कहा कि CAG रिपोर्ट शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का खास जरिया हैं। GNCTD अधिनियम, 1991 की धारा 48 का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि वह इन रिपोर्टों को समय पर विधानसभा में पेश करे। एलजी का आरोप है कि दिल्ली सरकार, जो पारदर्शिता और जवाबदेही के वादे पर सत्ता में आई थी, अब इन रिपोर्टों को पेश करने से बच रही है। यह सभी रिपोर्ट उस अवधि की हैं जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे।
पहले भी लिखा गया था पत्र
इससे पहले नवंबर 2024 में भी एलजी वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर रिपोर्ट को सदन में पेश करने के निर्देश दिए थे। उस समय भी उन्होंने सरकार पर संवैधानिक दायित्व का पालन न करने का आरोप लगाया था। इससे पहले, उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विधानसभा अध्यक्ष को भी पत्र लिखा था।
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हाईकोर्ट में CAG की जानकारी
CAG ने दिल्ली हाईकोर्ट को भी जानकारी दी थी कि दिल्ली से संबंधित आठ रिपोर्ट अभी भी सरकार के पास लंबित हैं। CAG ने कहा था कि ये रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जानी चाहिए और इसे लेकर उन्होंने दिल्ली सरकार दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव (वित्त) को भी पत्र लिखा था। साथ ही एलजी ने इस बार स्पष्ट रूप से कहा है कि विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाकर इन रिपोर्टों को सदन के पटल पर रखा जाए। उनका कहना है कि रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के वित्तीय मामलों और खर्च की पारदर्शिता से जुड़े अहम जानकारी है, जिसे सार्वजनिक किया जाना जरूरी है।
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सरकार की चुप्पी पर सवाल
एलजी ने दिल्ली सरकार पर जानबूझकर रिपोर्ट को दबाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार सार्वजनिक खर्च की जांच से बचने का प्रयास कर रही है, जो उसके वादों के विपरीत है। अब यह देखना होगा कि दिल्ली सरकार एलजी के इस पत्र पर क्या कदम उठाती है और लंबित CAG रिपोर्टों को लेकर विधानसभा का स्पेशल सेशन कब बुलाया जाएगा।