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Delhi Liquor Scam Case: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर आज फिर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई हुई।

Delhi Liquor Scam Case: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर आज फिर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के साथ ही ईडी से भी तीखे सवाल किए थे। सुनवाई के दूसरे दिन सीएम के वकील सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी थी।

मैं एक समनी हूं, मैं आरोपी या दोषी नहीं-सिंघवी  

आज कोर्ट में वकील मनु सिंघवी  ने केजरीवाल का पक्ष रखते हुए कहा कि मैं एक समनी हूं। मैं आरोपी या फिर दोषी नहीं हूं। सीएम को आखिरी समन 16 मार्च को भेजा गया था। जिसमें 21 मार्च, 2024 तक पेश होने के लिए कहा गया था। इससे साफ है कि मैं 16 मार्च तक आरोपी की स्थिति में नहीं हूं। तो अचानक से ऐसा क्या बदल गया। 

जब तक गिरफ्तार नहीं होते, तब तक आरोपी नहीं-जस्टिस खन्ना

इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि जब तक आप गिरफ्तार नहीं हो जाते हैं, तब तक आरोपी नहीं है। वहीं सिंघवी ने कहा केजरीवाल ने लिखित में पूछा था कि क्या वह आरोपी हैं। ईडी की अपनी समझ के मुताबिक आप 16 मार्च तक आरोपी नहीं थे। वह अचानक कोर्ट में कैसे कह सकते हैं कि केजरीवाल को गिरफ्तार करना जरूरी है। 

सिसोदिया मामले में भी सबूतों को आधार बनाया-सिंघवी

सिंघवी ने कहा जिन सभी सबूतों के आधार पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है। वह 2023 से पहले के हैं। हर सामग्री जुलाई 2023 जैसी है। सिसोदिया के मामले में भी इन्ही सबूतों को आधार बनाया गया था। मनी ट्रेल चार्ट वही था। 

सिंघवी ने ये दलील दी कि सेक्शन 70 PMLA किसी राजनीतिक दल द्वारा किए गए किसी भी काम या हर चीज के लिए उसके संयोजक या अध्यक्ष को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता है। कोर्ट की ओर से कहा गया कि आप  गलत हैं। कोई भी व्यक्ति जो कंपनी का प्रभारी है। अगर कंपनी कोई अपराध करती है तो कंपनी के साथ-साथ उसका प्रभारी भी जिम्मेदार है। कंपनी की परिभाषा क्या होती है एसोसिएशन में शामिल है। 

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अरविंद केजरीवाल के वकील सिंघवी

केजरीवाल के खिलाफ कोई डायरेक्ट सबूत नहीं-सिंघवी

सिंघवी ने कहा ईडी की ओर से कहा जाता है कि पूरी साजिश करने के पीछे केजरीवाल का दिमाग है। वह रिश्वत की मांग में शामिल हैं। लेकिन इसका कोई सीधा सबूत नहीं है। यह विधेयात्मक अपराध है, पीएमएलए नहीं। 

जांचकर्ता को कारण बताने होंगे-जस्टिस खन्ना

ईडी की ओर पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट से सेक्शन 19 पीएमएलए पर गौर करने के लिए कहा है। जस्टिस खन्ना ने कहा, जांचकर्ता को कारण बताने होंगे। सभी चीजों पर विचार करने के बाद जांचकर्ता को इस निष्कर्ष पर पहुंचना होगा कि आरोपी दोषी है। 

वजह तक पहुंचने के लिए चार चरण-राजू

राजू  ने कहा कि विश्ववास करने के वजह तक पहुंचने के लिए चार अलग-अलग चरण हैं। सबसे निचला चरण गिरफ्तारी के समय होता है। जस्टिस दत्ता ने कहा तो फिर आपको इसे अलग तरीके से रखना चाहिए था। 

राय बनाने के लिए सामग्री रिलिवेंट-जस्टिस खन्ना

जस्टिस खन्ना की ओर से कहा गया कि इस बात की जांच कोर्ट कैसे करें कि जांचकर्ता का अपराध के बारे में राय बनाना सही था या नहीं। इस पर एसजी राजू ने कहा कोर्ट सामग्री देखे। यह एक ऐसा मामला है, जहां राय बनाने के लिए सामग्री रिलेवेंट है। 

यह केवल जांचकर्ता की राय नहीं-एसजी राजू

एसजी राजू ने कोर्ट में कहा कि यह केवल जांचकर्ता की राय नहीं है बल्कि उस एक मजिस्ट्रेट ने भी माना है जिसे इसे अदालत द्वारा अधिकार प्राप्त है। इसके अलावा, गिरफ्तार होने से पहले, उन्होंने अंतरिंम राहत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था। 

एसजी राजू टाल-मटोल वाले जवाब गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकते है, लेकिन उन पर विचार किया जा सकता है। वे आखिरी तिनका हो सकते हैं। 

विश्वास करने के कारणों में आपने एस.70 लागू-जस्टिस खन्ना

जस्टिस खन्ना ने कहा कि विश्वास करने के कारणों में आपने एस.70 लागू किया है। इसलिए, आपके अनुसार मुख्य आरोपी आप है। उन पर सीबीआई द्वारा मुकदमा नहीं चलाया जा रहा है। एसजी राजू ने कहा उसका नाम शामिल है। 

7 मई को होगी अगली सुनवाई-सुप्रीम कोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि केस में समय लगेगा, हम विचार कर सकते हैं कि चुनाव के मद्देनजर अंतरिम जमानत देने पर। अगर अंतरिम बेल देते हैं, तो शर्तों को बताएं। मामले की अगली सुनवाई 7 मई यानी मंगलवार को होगी। 

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने क्या कहा? 

अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि जीवन और स्वतंत्रता बेहद महत्वपूर्ण हैं। आप इससे इनकार नहीं कर सकते हैं। बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने दो दिन सुनवाई की थी। जहां पर कोर्ट ने केजरीवाल के वकील से पूछा था कि वो जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए। विस्तृत खबर के लिए यहां क्लिक करें... 

21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे अरविंद केजरीवाल 

दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी की टीम ने केजरीवाल को 21 मार्च, 2024 को सीएम आवास से गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी की ओर से उन्हें बार-बार समन जारी किए गए थे, लेकिन वो पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं हुए थे। अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी के बाद कई दिनों तक ईडी की हिरासत में थे, उसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है। बता दें कि आप नेता संजय को भी मंगलवार के दिन जमानत मिली थी विस्तृत खबर के लिए यहां क्लिक करें 

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