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जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में दिवाली मनाने को लेकर हुए विवाद में नया मोड़ आ गया है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। दिवाली के उत्सव में बाधा डालने वालों के खिलाफ मांग है।

JMI NEWS: जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में दिवाली उत्सव में बाधा डालने के मामले में दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की है। इसमें छात्रों, छात्र नेताओं, भीम आर्मी के सदस्यों और विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को नामजद किया गया है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान और कार्रवाई शुरू कर दी है।  

दीये तोड़ने और रंगोली बिगाड़ने का आरोप

घटना 22 अक्तूबर की शाम को जामिया परिसर में हुई, जब कुछ छात्रों और भीम आर्मी के सदस्यों ने दीयों को तोड़ा, रंगोली बिगाड़ी, और दिवाली उत्सव में बाधा डाली। शिकायत के अनुसार, यह कृत्य धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भीम आर्मी से जुड़े कुछ सदस्य, जिनमें जुबैर चौधरी, नौमान चौधरी, मुबस्सिर मेवाती और सलमान मेवाती शामिल हैं, ने त्योहार के जश्न को बाधित किया।  

प्रशासन की शिकायत खारिज

जामिया प्रशासन ने भी अपनी ओर से शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसे खारिज कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने योग्य तथ्य नहीं मिले। जिले की पीजी सेल के एसीपी ने मामले की जांच की। प्रारंभिक जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए। पुलिस ने कहा है कि कुछ ऐसे नाम भी शिकायत में जोड़े गए हैं, जो घटना के समय मौके पर मौजूद नहीं थे।  

जामिया में भेदभाव और धर्म कन्वर्जन के आरोप

इस घटना के बाद काल ऑफ जस्टिस ट्रस्ट ने अपनी 65 पेज की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट को दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर न्यायाधीश एसएन धींगरा ने लीड किया। रिपोर्ट में जामिया में गैर-मुस्लिम छात्रों के साथ भेदभाव और इस्लाम में मतांतरण के दबाव के आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट में 27 गवाहों के बयान शामिल हैं, जिनमें सात प्रोफेसर, नौ कर्मचारी, और 10 छात्र व पूर्व छात्र शामिल हैं। वहीं, इस मामले ने धार्मिक सद्भाव और विश्वविद्यालय परिसरों में समानता की बहस को फिर से जन्म दिया है। पुलिस की जांच और कार्रवाई जारी है। प्रशासन, छात्रों और सामाजिक संगठनों के बीच इस मामले को लेकर मतभेद गहराते जा रहे हैं। 

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