Delhi Private Schools: राजधानी दिल्ली के निजी स्कूलों में नया सत्र शुरू होने से अभिभावकों की जेब पर काफी दबाव पड़ रहा है। कई स्कूलों ने फीस से लेकर परिवहन शुल्क में भी 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। बच्चों के अभिभावकों को महंगी दर पर ही किताबें खरीदनी पड़ रही है। साथ ही, वर्दी खरीद के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश
शिक्षा निदेशालय के आदेश के मुताबिक, सरकारी एजेंसी की ओर से आवंटित भूमि पर संचालित होने वाले निजी स्कूल शैक्षणिक सत्र 2024-25 में बिना परमिशन के ट्यूशन फीस को नहीं बढ़ा सकते हैं। अगर कोई भी स्कूल ऐसा करता है तो स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। निदेशालय ने स्कूलों को फीस बढ़ोतरी के संबंध में 15 अप्रैल तक प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली के स्कूलों को 15 अप्रैल तक रिटर्न और दस्तावेज वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया गया है।
अभिभावकों को मजबूरी देने पड़ते हैं पैसे
आज तक किसी को भी यह नहीं पता चला कि स्कूलों को कब और कितनी फीस बढ़ाने की अनुमति मिली। किस साल में कितनी फीस बढ़ानी है। इसका कोई भी दस्तावेज सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं कराया जाता है।
स्कूलों की फीस के आधार पर ही खर्चे तय होते
एक्शन कमेटी ऑफ अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल के अध्यक्ष भरत अरोड़ा का कहना है कि डीएसईएआर 1973 की धारा 17 सी में प्रावधान है कि 31 मार्च से पहले फीस वृद्धि की जानकारी शिक्षा विभाग को देनी होती है। स्कूलों की बढ़ी हुई फीस के आधार पर ही अगले साल के खर्चे तय होते हैं, जो पूरी तरह से अनिवार्य हैं।