दिल्ली दंगा मामले में आरोपी उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका वापस ले ली है। उमर खालिद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि हम परिस्थितियों में बदलाव के कारण इस याचिका को वापस लेना चाहते हैं और उचित राहत के लिए ट्रायल कोर्ट का रुख करना चाहते हैं। बता दें कि वह सितंबर 2020 से सलाखों के पीछे है और मामला आज न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। इससे पहले कि सुनवाई होती, उमर खालिद की ओर से जमानत याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेएनयू का पूर्व छात्र उमर खालिद 2020 के दिल्ली दंगा मामले में मुख्य आरोपी है। यह दंगा फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में हुआ था। इस दंगे में 50 से अधिक लोग मारे गए थे, जबकि 700 से ज्यादा घायल हुए। उमर खालिद तब से जमानत याचिका का इंतजार कर रहा था। लगभग 13 बार ऐसे मौके आए, जब जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी गई। सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत याचिका पर विभिन्न कारणों के चलते सुनवाई टाली गई। आज इस मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया, लेकिन सुनवाई से पहले उमर खालिद की ओर से जमानत याचिका वापस लेने का अनुरोध किया गया है।
कई बार टलती रही जमानत याचिका पर सुनवाई
दिल्ली दंगे में उमर खालिद यूएपीए के तहत सितंबर 2020 से जेल में बंद है। उमर खालिद ने अक्टूबर 2022 में दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने 18 अक्टूबर को उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी को सुनवाई हुई थी, जिसके बाद अगली तिथि 31 जनवरी तय की गई। इसके बाद फरवरी की तिथि तय की गई, लेकिन एक अन्य महत्वपूर्ण केस के चलते सुनवाई को स्थगित कर दिया गया था।
पहले भी सुनवाई टालने का किया गया था आग्रह
बता दें कि खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पिछली सुनवाई के दौरान भी आग्रह किया था कि सुनवाई को टाल दिया जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई थी कि इस पर स्थगन देने से ऐसे लगेगा कि कोर्ट मामले की सुनवाई नहीं करना चाहती है। कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता काफी समय से जेल में बंद है, लिहाजा उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई जरूरी है। हालांकि खालिद के वकीलों का आग्रह स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा था कि अगली सुनवाई में स्थगन के अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा। अब खालिद ने जमानत याचिका वापस ले ली है।