Delhi Accident: राजधानी दिल्ली में लगातार सड़क हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस साल 15 मई तक सड़क हादसों में 518 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इस हिसाब से 136 दिन में प्रतिदिन औसतन चार लोगों की मौत सड़क हादसों की वजह से हो गई। इनमें पैदल राहगीर, साइकिल सवार, दुपहिया वाहन से लेकर कार सवार सभी लोग शामिल हैं। ट्रैफिक पुलिस के लिए राहत की खबर बस यही है कि सड़क पर मरने वाले लोगों के इस आंकड़े में पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी गिरावट आई है।
15 मई तक 518 लोगों की गई जान
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, इस साल 15 मई तक 511 सड़क दुर्घटनाएं हुई। इनमें 518 लोगों की जान गई, जबकि पिछले साल इसी समयावधि में 544 दुर्घटनाओं में 552 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस इस गिरावट को अपनी उपलब्धि के तौर पर देख रही है।
ट्रैफिक पुलिस का मानना है एक सक्रिय दृष्टिकोण, यातायात उल्लंघनों के खिलाफ कड़े प्रवर्तन और जिम्मेदार ड्राइविंग व्यवहार को बढ़ावा देने वाली पहल के माध्यम से शहर भर में सड़क सुरक्षा मानकों को सफलतापूर्वक बढ़ाया है। इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली की 10 सड़कों की भी पहचान की है, जहां पर इस साल सबसे ज्यादा घातक दुर्घटनाएं हुई है।
पुलिस लगातार स्कूलों, कॉलेजों और विभिन्न चौक चौराहों पर जागरुकता कार्यक्रम के जरिए लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग के पाठ पढ़ा रही हैं। मकसद यही है कि सड़क हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या को कम किया जाए।
दिल्ली की इन 10 सड़कों पर हुई सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं
रिंग रोड़ 33, आउटर रिंग रोड 31, जीटीके रोड 27, रोहतक रोड 19, नेशनल हाईवे 8 पर 13, मथुरा रोड 10, नजफगढ़ रोड 9, कंझावला रोड 7, नेशनल हाईवे 24 में 7 और वजीराबाद रोड पर 7 लोगों की जान गई।