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Delhi Humidity: दिल्ली में बारिश होने के बाद भी लोगों को भीषण उमस से राहत नहीं मिल रही है। इसको लेकर मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि क्यों बारिश होने के बाद भी उमस लोगों के परेशान कर रही है।

Delhi Humidity: दिल्ली में लगातार भारी बारिश के बावजूद राजधानी वासियों को भीषण उमस से बिल्कुल राहत नहीं मिल रही है। लोग पसीना पसीना हो रहे हैं, सांस लेना दुभर हो गया है। हालात यह है कि जैसे ही कहीं बारिश होती है वहां कुछ घंटों के लिए उमस और गर्मी से राहत मिलती है, लेकिन बाद में उमस और ज्यादा बढ़ने से परेशानी ज्यादा बढ़ती है।

बारिश के बावजूद भी नहीं मिल रही उमस से राहत

दिल्ली में जुलाई महीने में होने वाली आम बारिश का आंकड़ा शुक्रवार को ही पार हो गया था। यानी जितनी बारिश पूरे जुलाई महीने में होती है, उससे कहीं ज्यादा पानी बरस चुका है, लेकिन उमस और गर्मी है कि पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही है। शुक्रवार को भारी बारिश के बाद लोगों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन शनिवार को सुबह से ही दिल्ली अधिकांश हिस्सों में भयंकर उमस ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया। हालांकि, दोपहर बाद दिल्ली के कई हिस्सों में जमकर बारिश हुई, जिससे कुछ देर के लिए राहत जरूर मिली, लेकिन कुछ समय बाद ही उमस ने परेशान करना शुरू कर दिया। ऐसे ही हाल आज रविवार को सुबह से ही देखने को मिल रहा है।

मौसम वैज्ञानिक ने बताया क्या है कारण

इस बारे मौसम वैज्ञानिक एस के वेंकटरमण का कहना है कि भीषड़ गर्मी की वजह से धरती पूरी तरह से गर्म रहती है और उस पर बारिश पड़ने से धरती से भाप उठती है और इसी भाप की वजह से उमस होती है। इन दिनों दिल्ली में भारी बारिश के बाद भी उमस का एक बड़ा कारण राजधानी का कंक्रीट में बदलना कहा जा सकता है।

मिट्टी वाली जमीन केवल नाम मात्र बची

उन्होंने बताया कि दिल्ली में इस समय वास्तविक भूमि यानी मिट्टी वाली जमीन केवल नाम मात्र बची है। आबादी का बोझ बहुत ज्यादा हो गया है। जिसके चलते लोगों ने कई कई मंजिल घर बना रखे हैं। ऐसे में सुविधाओं के नाम पर जगह-जगह सड़कें, आरसीसी आदि के कारण आसमान से बारिश के रूप में बरसने वाला पानी अब जमीन में नाम मात्र जाता है, क्योंकि अधिकांश जगह पर सड़के व आरसीसी हो चुकी है। ऐसे में जमीन की गर्मी पूरी तरह से बाहर नहीं निकलती और उमस का बड़ा कारण बनता है। यही कारण है कि भारी बारिश के कुछ समय के लिए राहत मिलती है और बाद में शरीर बुरी तरह पसीना पसीना होता है।

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