दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की महिला हेड कॉन्स्टेबल ने सड़क दुर्घटना में घायल हुए एक बाइक सवार युवक की जान बचा ली। इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस ने अपने एक्स अकाउंट पर ट्वीट कर दी है।अब महिला सिपाही की काफी तारीफ हो रही है। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला।
जानकारी के मुताबिक, रविवार को सुबह करीब 8 बजे महिला कांस्टेबल सतीश कुमारी की ड्यूटी द्वारका ट्रैफिक सर्किल पर लगी हुई थी। इस दौरान एएफएस पालम गेट पर दो बाइक आपस में टकरा गई और हादसे के बाद एक बाइक सवार युवक सड़क किनारे गिरकर बेहोश हो गया। महिला सिपाही ने जैसे ही देखा वह तुरंत मौके पर पहुंची। इसके बाद उन्होंने युवक को पलटकर देखा तो बाइक सवार ठीस से सांस नहीं ले पा रहा था और वह बेहोशी की हालत में था।
"Humanity Above All"
— Delhi Police (@DelhiPolice) November 10, 2024
🔸 W/HC Satish Kumari of @dtptraffic spotted a bike collision near AFS Palam gate, Dwarka
🔸 She administered CPR and arranged a PCR van, saving the victim's life
🔸 Her swift action earned praise from senior officials#DelhiPoliceCares pic.twitter.com/ylHiXhaJzW
सतीश कुमारी ने अपनी सूझबूझ दिखाते हुए पहले युवक को सीपीआर दिया और उन्हें पीसीआर की मदद से अस्पताल भिजवाया। हालांकि, युवक को सीपीआर की वजह से ही बीच में ही होश आ गया। इस तरह से महिला सिपाही ने एक युवक की जान बचा ली। युवक की पहचान अमित डोगरा (35) के रूप में हुई है। जिसके बाद लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं कि हर पुलिस वाले को ऐसे ही अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। वहीं अमित के परिजनों ने भी महिला सिपाही का आभार जताया है।
क्या होता है सीपीआर
दरअसल, सीपीआर को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन कहा जाता है। यह एक प्राथमिक चिकित्सा तकनीक है। जिसकी मदद से किसी भी ऐसे व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है, जिसे सांस लेने में परेशानी हो रही है। सीपीआर उस समय दिया जाता है कि जब किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आया हो या वह सांस नहीं ले पा रहा हो। सीपीआर में पीड़ित व्यक्ति की छाती को दबाया जाता है और मुंह से सांस दी जाती है।