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दिल्ली में बढ़ते जल संकट के साथ सियासत भी चरम पर है। बीजेपी से लेकर तमाम विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी को घेरने में लगी हुई है। अब कांग्रेस ने भी जल बोर्ड के खिलाफ जांच की मांग कर दी है।

Delhi Water Crisis: दिल्ली में जल संकट पर आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार अभी तक भाजपा के विरोध का ही सामना कर रही थी। लेकिन अब लोकसभा चुनावों में सहयोगी रही कांग्रेस ने भी केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को पत्र लिखकर दिल्ली जल बोर्ड में 17 हजार 575 करोड़ रुपये के घोटाले की गहन जांच की मांग की है। यादव ने मांग की कि जल रिसाव व चोरी से पानी की 58.28 प्रतिशत की बर्बादी से हो रहे राजस्व के भारी नुकसान की जांच होनी चाहिए।

50 फीसदी से अधिक जल रिसाव

उन्होंने गत 3 वर्षों में जल रिसाव की 16.28 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर गहरी चिंता जताई, जो 2019-20 में 42 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 तक 58.28 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि मीटरिंग और लीकेज प्रबंधन के लिए लगभग 30 करोड़ रुपये के वार्षिक आवंटन के बाद पानी लीकेज का बढ़ना डीजेबी की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाता है। यादव ने कहा कि राजधानी में 1150 एमजीडी की मांग के चलते केजरीवाल सरकार केवल 995 एमजीडी तक ही पानी शोधन कर पाती है। इसमें भी 58 प्रतिशत पानी रिसाव की वजह से बेकार हो जाता, जो टैंकर माफिया के हाथों में भेजा जा रहा है।

वाटर एटीएम नहीं कर रहा काम

यादव ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस पिछले एक दशक से टैंकर माफिया का मुद्दा उठा रही है जिसमें दिल्ली जल बोर्ड की कार्यशैली और योजना पर संदेह है। उन्होंने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने गत वर्ष 25 फरवरी को वाटर एटीएम का उद्घाटन करते हुए घोषणा की थी कि हम पूरी दिल्ली में 500 वाटर एटीएम लगवाऐंगे। लेकिन अभी तक दिल्ली में सिर्फ 46 वाटर एटीएम ही लगाए, जिनमें से अधिकतर काम नहीं कर रहे है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रत्येक परिवार को 20 हजार लीटर प्रतिदिन शुद्ध पानी देने का वादा किया था, जो पूरी तरह फेल रहा।

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