Delhi Water Level: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मानसून की एंट्री हो चुकी है। दिल्ली में 28 जून को हुई मानसून की पहली बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी तो वहीं, कई लोगों को जान तक गंवानी पड़ी। दिल्ली में जगह-जगह जलभराव देखने को मिला। लुटियंस दिल्ली के पॉश इलाकों तक में बाढ़ जैसी स्थिति देखने को मिली थी। ऐसे में क्या एक बार फिर दिल्ली डूबेगी? क्योंकि मौसम विभाग ने आने वाले पांच दिनों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, दिल्ली में यमुना का स्तर बढ़ा तो कैसे निपटेगी केजरीवाल सरकार?
IMD ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली में एक बार फिर बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में 6 दिन तक यानी 10 जुलाई तक लगातार बारिश होने की संभावना है। इन दिनों में कभी हल्ती तो कभी भारी बारिश होगी। ऐसे में अगर दिल्ली में लगातार बारिश होती है तो जलभराव की अधिक स्थिति देखने को मिलेगी। दिल्ली में 28 जून को हुई बारिश ने लुटियंस दिल्ली के पॉश इलाकों को भी डूबा दिया था। कई अंडरपास डूब गए थे, बारिश के कारण कई लोगों की मौत तक हो गई थी। ऐसे में यह देखना होगा कि दिल्ली सरकार और नगर निगम ने मानसून की पहली बारिश से कितना सबक लिया।
यमुना का स्तर बढ़ा तो कैसे निपटेगी केजरीवाल सरकार?
दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने की स्थिति से निपटने के लिए पहले ही दिल्ली सरकार की ओर से समीक्षा मीटिंग की गई। इस बैठक के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में यमुना में जलस्तर बढ़ने की स्थिति में उससे कैसे निपटा जाएगा। इसको लेकर सभी विभागों के साथ बैठक की, जिसमें सभी विभागों के इनपुट लिए गए।
बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम बनाया गया- आतिशी
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने बताया कि दिल्ली में पिछली बार यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इस बार पूर्वी जिले के डीएम ऑफिस में बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसमें सभी विभागों के अधिकारी तैनात रहते हैं। यहां से हर समय निगरानी रखी जा रही है।
पिछली बार हथिनीकुंड से ज्यादा पानी छोड़ा गया- सौरभ भारद्वाज
दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछली बार हथिनीकुंड से ज्यादा पानी छोड़ा गया और ITO बैराज के गेट न खुलने की वजह से स्थिति बिगड़ गई थी। इस बार ITO बैराज के सभी गेट खुलवा दिए हैं और जो गेट नहीं खुले उन्हें कटवा दिया गया है।
पिछली बार हथिनीकुंड से ज़्यादा पानी छोड़ा गया और ITO बैराज के गेट ना खुलने की वजह से स्थिति बिगड़ गई थी।
— AAP (@AamAadmiParty) July 5, 2024
इस बार ITO बैराज के सभी गेट खुलवा दिए हैं और जो गेट नहीं खुले उन्हें कटवा दिए गया है। @Saurabh_MLAgk pic.twitter.com/BITrLA8KJp
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 2 दिन में अच्छी बारिश हुई है। जिससे हथिनीकुंड बैराज से ज्यादा पानी डिस्चार्ज हो रहा है। हालांकि, अभी वहां से 352 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। वहीं, जब इस बैराज से 1 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी डिस्चार्ज होता है, तभी बाढ़ की आशंका होती है।