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Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में करंट लगने से कई हादसे होते रहते हैं। इस हादसे को देखते हुए सरकार ने मुआवजे की राशि बढ़ाने का ऐलान किया है। यह राशि इंसान के साथ-साथ जानवरों की मौत पर भी लागू होगा।

Delhi News: दिल्ली में अब अगर बिजली दुर्घटना में किसी की मृत्यु होती है उसके परिवार को बतौर मुआवजा 7.5 लाख रुपये मिलेगें। जबकि 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग होने वाले व्यक्ति को पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसको लेकर दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने डीईआरसी (विद्युत दुर्घटना के पीड़ित को मुआवजा) विनियम, 2024 जारी कर दिया है। इस विनियम में दुधारू पशुओं और पक्षियों को नुकसान होने पर भी संबंधित परिवार को मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

किसी इंसान की मौत पर 7.5 लाख मुआवजा

जानकारी अनुसार विनियम में प्रावधान किया गया है कि यदि बिजली से संबंधित दुर्घटना में कोई व्यक्ति 40-60 प्रतिशत तक घायल होता है तो उसे एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि और एक सप्ताह से कम समय तक अस्पताल में रहने पर 10 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा। यदि घायल व्यक्ति एक सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में रहता है तो उसे 25 हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा। जबकि बिजली दुर्घटना के कारण अगर किसी की मौत हो जाती है तो ऐसे में आश्रित परिवार को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

60 फीसदी दिव्यांग होने पर 5 लाख मुआवजा

वहीं बिजली दुर्घटना के कारण 60 फीसदी दिव्यांग होने पर पांच लाख रुपए मिलेगा। प्रावधान में इसके अलावा दुधारू पशुओं और पक्षियों की मौत होने पर भी मुआवजा दिया जाएगा, जैसे भैंस, गाय, ऊंट के मरने पर 50 हजार रुपये दिया जाएगा। वहीं, जबकि घोड़े और बैल आदि के मरने पर 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। जबकि बछड़ा, गधा, टट्टू, खच्चर के लिए 15 हजार रुपये मुआवजा रखा गया है। इनके अलावा भेड़, बकरी, सुअर और अन्य के मरने पर पांच हजार रुपये दिए जाएगें। प्रावधान में मृत पशुओं की संख्या अधिक होने की स्थिति प्रति परिवार दुधारू पशुओं के लिए 3 लाख रुपये या भारवाहक पशुओं के लिए डेढ़ लाख रुपये की सीमा निर्धारित की गई है।

मुर्गी पालन मामले में भी मिलेगा मुआवजा

मुर्गी पालन के मामले में मुआवजा 100 रुपये प्रति पक्षी होगा, जिसकी अधिकतम सीमा प्रति लाभार्थी पांच हजार रुपये होगी। वहीं मुआवजा मामले पर नॉर्थ दिल्ली रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के अध्यक्ष अशोक भसीन ने कहा कि डीईआरसी द्वारा जारी मुआवजा राशि बेहद कम है। इसलिए फेडरेशन मांग करता है कि इस राशि को बढ़ाया जाए। जिसमें मृतक के आश्रित को 50 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल होने पर व्यक्ति को 20 लाख रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए। जानकारी अनुसार विनियम 25 जुलाई को राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही लागू हो गए हैं।

15 दिनों में मुआवजा राशि का होगा भुगतान

इसके अंतर्गत विद्युत वितरण कंपनियां उत्पादन कंपनियां और अन्य लाइसेंसधारी मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी होंगे। इन्हें विनियम की अधिसूचना जारी होने के एक महीने के भीतर एक महाप्रबंधक स्तर का प्राधिकारी नामित करना होगा। मृतक के आश्रित या प्रभावित को दुर्घटना के 90 दिनों के अंदर व्यक्तिगत रूप से या संबंधित लाइसेंस धारी के संबंधित प्राधिकारी को मेल के माध्यम से मुआवजे के लिए आवेदन करना होगा। प्राधिकारी के अंतिम आदेश के 15 दिनों के भीतर मुआवजा का भुगतान किया जाएगा।

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