Farmers Day 2024: भारत देश को सशक्त राष्ट्र बनाना है, तो इसके लिए देश के किसान को भी सशक्त बनाना होगा। तभी कृषि को लाभकारी बनाने की नई राह खुलेगी। नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ राम स्वरूप बाना ने किसान दिवस विशेष के उपलक्ष्य में रविवार को यह जानकारी साझा की। डॉ राम स्वरूप बाना ने बताया कि भारत, एक कृषि प्रधान देश होने के बावजूद, आज हमारे अन्नदाता किसान अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं।
अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, लेकिन किसानों को उनकी मेहनत का समुचित प्रतिफल नहीं मिल पा रहा। बढ़ती उत्पादन लागत, कम आय और आर्थिक असुरक्षा, फसल के उचित दाम न मिलना, विपणन में बिचौलियों का दबदबा, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाएं, कर्ज का दबाव, सामाजिक और शहरी आकर्षण जैसी अनेकों जटिल समस्याएं किसानों की आय में लगातार बाधा उत्पन्न कर रही हैं।
किसान खेती को एक लाभकारी व्यवसाय नहीं मानते
डॉ. बाना ने बताया कि राष्ट्रीय सैम्पल सर्वे संगठन और सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज जैसे संगठनों द्वारा किए गए अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि भारतीय किसान खेती को एक लाभकारी व्यवसाय नहीं मानते हैं और उनमें से बड़ी संख्या इस पेशे को छोड़कर किसी अन्य रोजगार की तलाश करना चाहती है। इस स्थिति ने न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को कमजोर किया है, बल्कि उनके अंदर असंतोष और हताशा भी बढ़ाई है। किसानों के इस संघर्ष को समाप्त करने और भारतीय कृषि को सशक्त एवं समृद्ध बनाने के लिए हमें एक नई दिशा में सोचना होगा। इस किसान दिवस पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि कृषि क्षेत्र में सुधार लाकर इसे अधिक टिकाऊ, लाभकारी और किसानों के लिए सम्मानजनक बनाया जाए।
ये भी पढ़ें: जगजीत डल्लेवाल के आमरण अनशन को आज 26वां दिन, किसान नेता अस्पताल में न शिफ्ट करने पर अड़े
इन रणनीतियों को अपनाने की जरूरत
डॉ. बाना ने बताया कि भारतीय कृषि को लाभकारी बनाने के लिए कुछ रणनीतियां बनाने की जरूरत है। पहली, भारतीय कृषि को लाभकारी बनाने के लिए उत्पादन वृद्धि के साथ-साथ गुणवत्ता सुधार किए जाने जरूरी हैं। दूसरी, मजबूत विपणन प्रणाली और बाजार से बिचौलियों के एकाधिकार को कम से कम करना समय की आवश्यकता है। किसानों को संगठित करना कृषि को लाभकारी बनाने का एक प्रमुख तरीका हो सकता है। तीसरी, भारत का लगभग 48 फीसदी कृषि क्षेत्र सूखे और वर्षा आधारित खेती पर निर्भर है। इन क्षेत्रों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए जल संरक्षण और उपयोग दक्षता में सुधार करना बेहद जरूरी है। वहीं चौथी, कृषि क्षेत्र में नवाचार और प्रौद्योगिकी का समावेश शीघ्र होना आवश्यक है। ड्रोन और सेंसर तकनीक का उपयोग कीटनाशकों और उर्वरकों के लिए किया जा सकता है।
किसान दिवस क्यों मनाया जाता है
बता दें कि 23 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन होता है। उन्होंने अपने पूरे जीवन में किसानों के उत्थान के लिए काम किया और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए लोकहितकारी योजनाओं को लागू किया। चौधरी चरण सिंह ने किसानों के अधिकारों और उनकी समृद्धि के लिए कई नीतियां बनाईं। इस कारण 23 दिसंबर ोक ही कृषि दिवस मनाया जाता है।
ये भी पढ़ें- जश्न की आड़ में दिल्ली के युवाओं को नशे में झोंकने की साजिश