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गाजियाबाद का पानी पीने लायक नहीं है। यह हम नहीं बल्कि तीन महीनों में लिए गए सैंपल बता रहे हैं। खास बात है कि होटल, वाटर प्लांट, स्कूल और ढाबों समेत गली मोहल्लों से लिए गए पानी के सैंपल फेल मिले हैं।

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी पानी की समस्या विकराल हो रही है। विशेषकर गर्मी के मौसम में पानी के लिए लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। इसके ऊपर विडंबना यह है कि जो पानी आता है, वो पीने लायक नहीं होता है। यह हम नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट बता रही है। 

स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी से मार्च तक के बीच गाजियाबाद के होटलों, वाटर प्लांट, स्कूल, सोसायटी और गली- मोहल्लों से पीने के 434 सैंपल लिए। इनमें से 145 सैंपल फेल मिले हैं। दूषित पेयजल के चलते डायरिया, टाइफाइड जैसे संक्रामक रोगों का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण स्वस्थ्य विभाग चिंता में डाल दिया है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छे पानी की गुणवत्ता के लिए पानी में 150 से 200 तक टीडीएस होना चाहिए, लेकिन पानी की जांच के दौरान 500 से 1000 तक पाया गया है, जो कि सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। इस बारे में गाजियाबाद के सर्विलांस के अधिकारी डॉ आर के गुप्ता ने कहा कि नगर निगम व संबंधित निकाय को पानी की गुणवत्ता को सुधारने के लिए पत्र लिखा है ताकि गर्मी की वजह से आगे इन संक्रामक रोगों का सामना न करना न पड़े।

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विजयनगर में प्रदर्शन 

विजयनगर वार्ड -28 के लोगों ने पानी के कारण नाराजगी जताते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि उन्हें पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है, जिससे उन्हें बहुत समस्या आ रही है। नगर निगम पाइपलाइन पानी की आपूर्ति करता था लेकिन अब उस पाइप लाइन की हालत जर्जर हो गई है, इस कारण पानी दूषित आ रहा है। उन्होंने पाइप लाइन ठीक कर शुद्ध पेयजल सप्लाई सुनिश्चित करने की मांग की है। 

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