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दक्षिणी दिल्ली के रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में हुई 1100 पेड़ की कटाई मामले में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), वन विभाग और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।

Tree felling Case: दक्षिणी दिल्ली के रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में हुई 1100 पेड़ की कटाई मामले में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने रविवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), वन विभाग और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। एक दिन पहले ही दिल्ली सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सर्वसम्मति से कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और इमरान हुसैन को शामिल किया गया है। यह कमेटी इस बात की जांच कर रही है कि इन पेड़ों को काटने का आदेश किसने दिया।

फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने जारी किया नोटिस

अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने पेड़ों की अवैध कटाई को लेकर डीडीए, वन विभाग और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। समिति ने पर्यावरण और वन विभाग के प्रधान सचिव, दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, प्रधान आयुक्त (एलडी एवं एलएम) डीडीए व आयुक्त (आवास) डीडीए, डीसीपी (दक्षिणी दिल्ली) के साथ संबंधित क्षेत्र के एसएचओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सोमवार को होने वाली बैठक में उपस्थित रहने का आदेश दिया है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है। अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद समिति को 11 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट में तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। इससे पहले पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वन विभाग से रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन अधिकारी मेडिकल अवकाश पर चले गए हैं।

रिज में 1100 पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया

विभाग के अधिकारियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट नहीं मिलने पर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की गई है। समिति यह पता लगा रही है कि किसके निर्देश पर डीडीए ने रिज में 1100 पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया। समिति यह भी पता लगा रही है कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना तीन फरवरी को किस उद्देश्य से क्षेत्र में दौरे करने गए थे।

अधिकारियों का कहना है कि यह क्षेत्र इको-सेंसिटिव जोन है। यहां पर पेड़ों की कटाई की गई है। यह असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य के आसपास का हिस्सा है। इस समस्या को देखते हुए एक दिन पहले ही दिल्ली के सभी मंत्रियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी इसकी जांच करेगी। यह समिति अगली सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट को एक तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

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