Delhi Fake Coins Factory: अभी तक आपने नकली नोट बनाने वाले गिरोह के बारे में तो सुना होगा। लेकिन अब दिल्ली के मंडोली इलाके में नकली सिक्का बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वे 20 रुपये के नकली सिक्का बनाते थे। पुलिस ने इनसे एक लाख 70 हजार रुपये वैल्यू के नकली सिक्के बरामद किए हैं। पुलिस का दावा है कि ये मार्केट में अब तक करीब 20 लाख रुपये वैल्यू के एक लाख सिक्के खपा चुके हैं।
सिक्का बनाने वाली मशीन भी बरामद
पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपियों की पहचान रोहताश नगर निवासी आकाश राठौर (27) और मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी सर्वेश यादव (24) के रूप में हुई है। दोनों की निशानदेही पर मंडोली इलाके में स्थापित फैक्ट्री भी पकड़ी गई। आरोपितों से एक लाख सत्तर हजार रूपये नकली सिक्के बरामद किए गए। नकली सिक्कों की ढलाई के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कच्चा माल और सिक्के बनाने वाली मशीनें भी बरामद की गई हैं।
ये सामान हुआ बरामद
पुलिस पूछताछ में आरोपी आकाश बताया कि वो अपने सहयोगियों के साथ नकली सिक्के बनाने और उन्हें सप्लाई करने का काम करता है। अब तक दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 20 लाख रुपये से ज्यादा की वैल्यू के 20 रुपये के नकली सिक्के खपा चुका है। पुलिस को मंडोली के मिलन गार्डन स्थित इसकी फैक्ट्री से 20 के नकली 500 सिक्के, सिक्के बनाने की डाई, अयोध्या राम मंदिर के नकली कॉइन और भारी तादाद में कच्चा माल बरामद हुआ।
असल सिक्के के मुकाबले काफी उबड़ खाबड़
इस बारे में जानकारी देते हुए डीसीपी मनोज सी. ने बताया कि एसीपी संजय दत्त की देखरेख में बनी इंस्पेक्टर चंद्रिका प्रसाद और सतबीर सिंह की टीम ने बुराड़ी के उत्तराखंड एनक्लेव से 23 मार्च को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आकाश से नकली सिक्के लेने इंदौर से सर्वेश आया था। पुलिस ने एक लाख 60 हजार रुपये वैल्यू के 20 रुपये के नकली सिक्के रिकवर किए। ये असली सिक्के की तुलना में हलके और चमकदार थे। इन पर राष्ट्रीय प्रतीक भी काफी साफ छपा था। ये असली के मुकाबले ज्यादा उबड़-खाबड़ थे।
डीयू से ग्रेजूएट है गिरोह का मास्टर माइंड
पुलिस ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड आकाश राठौर है। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट है। वह सीलमपुर में ही पला-बढ़ा। 2016 में ग्रैजुएशन करने के बाद वो वेलकम स्थित एक फोटो कॉपी शॉप पर करने लगा। वो 2019 में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करने वाली कंपनी में 40 हजार रुपये सैलरी और कमिशन पर काम करने लगा। वो पांच लाख रुपये शेयर मार्केट में गंवा बैठा।
यू-ट्यूब से सीखकर खोली फैक्ट्री
यू-ट्यूब से नकली सिक्के बनाने का तरीका सीखा और दिसंबर 2022 में मंडोली में किराए पर लेकर फैक्ट्री खोल ली। इसके बाद अपने सहयोगियों के साथ नकली सिक्के बनाने और उन्हें सप्लाई करने का काम करने लगा। अब तक दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 20 लाख रुपये से ज्यादा की वैल्यू के 20 रुपये के नकली सिक्के खपा चुका है।
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सिक्के बनाने वाली मशीन बरामद
फैक्ट्री पर छापेमारी पर पुलिस को सिक्को की डाई बनाने के लिए इस्तेमाल होने वली एक फाइबर लेजर मशीन, नकली सिक्को पर निशान और डिजाइन छापने वाली 40 टन हाइड्रोलिक प्रेस मशीन, नकली सिक्के बनाने के लिए धातु की चारों को काटने वाली 30 टन हाइड्रोलिक प्रेस मशीन, 30 टन हाइड्रोलिक प्रेस मशीन को चालने के लिए उपयोग होने वाला फ्लेंच मोटर बरामद किया गया है।