संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने आज छह मार्च को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था, लेकिन अभी तक हरियाणा के तमाम जिलों में पुलिस और सरकार की ओर से प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए इंटरनेट पर पाबंदी, सीमाएं सील करने समेत अन्य उपाय लागू नहीं किए गए हैं। ऐसे में यहां हालात पूरी तरह से सामान्य नजर आ रहे हैं। हालांकि किसान संगठनों के दिल्ली कूच ऐलान का असर राजधानी पर जरूर देखा जा रहा है। दिल्ली में कई सड़कों पर लोगों को लंबे जाम का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को लग रहा है कि किसान अब किसी भी वक्त दिल्ली पहुंचकर प्रदर्शन तेज कर देंगे। लेकिन, किसान नेताओं की मानें तो 8 मार्च से पहले किसानों के दिल्ली में प्रदर्शन की योजना पूरी नहीं हो पाएगी। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने इसके पीछे की वजह भी बताई है।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि आज हमने छह मार्च को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था। इसका मतलब यह नहीं है कि आज ही हम दिल्ली पहुंच जाएंगे। हमने केवल देश के सभी किसानों से अपील की थी कि आज से दिल्ली के लिए रवाना होना है। उन्होंने बताया कि साउथ से आने वाले किसानों को दिल्ली पहुंचने में तीन दिन का समय लगेगा, राजस्थान के किसान भी पैदल पहुंचेंगे तो भी काफी समय लगेगा। उन्होंने बताया कि यह तस्वीर 7, 8, 9, 10 मार्च के बाद ही साफ हो पाएगी।
रास्ता क्लियर करने में भी समय लगेगा
पंढेर ने आगे कहा कि किसानों को रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई थी और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने (सरकार) कहा था कि ट्रैक्टर ट्रॉली छोड़कर किसान दिल्ली आएं। अब अगर हमें रोका गया तो सरकार का चेहरा साफ हो जाएगा। दुनिया को भी पता चल जाएगा कि चुनी सरकार ने किसानों को दिल्ली नहीं जाने दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 70 हजार जवानों को तैनात किया गया है। अगर सरकार किसानों की समस्याओं की गंभीरता जानती है तो किसानों को नहीं रोकना चाहिए। सभी सीमाओं को खोल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली अवश्य पहुंचेंगे, लेकिन इसमें कुछ समय लगना तय है।