Insurance Policy Fraud Gang: स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने धोखेबाजों के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस सिलसिले में सात ठगों व जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर बीमा पॉलिसियों की परिपक्वता (मैच्योर) राशि जारी करवाने में मदद के नाम पर 10 लोगों से करीब छह करोड़ की ठगी का आरोप है।
बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी ने नाम पर ठगी
डीसीपी हेमंत तिवारी के अनुसार, शिकायतकर्ता हरिदत्त शर्मा निवासी यू-5ए, दूसरी मंजिल, ग्रीन पार्क मेन ने इनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों जैसे एनपीसीआई, आरबीआई, एसबीआई व अन्य के अधिकारियों बताकर कुछ लोगों ने उनसे करीब 3.5 करोड़ रुपये की ठगी की है। यह सिलसिला अप्रैल 2018 से शुरू हुआ था।
सात आरोपी गिरफ्तार
3 जनवरी, 2024 को शिकायत पर आईपीसी की धारा 406/420/120-बी के तहत स्पेशल सेल थाने में मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। जांच के दौरान मुख्य आरोपी निशांत कुमार को गिरफ्तार किया गया। इसकी निशानदेही पर अन्य छह सह-अभियुक्तों को भी पकड़ा गया। निशांत ने निर्माण विहार में एक जगह किराए पर ली थी। सह-आरोपी देवेंदर जाली दस्तावेज तैयार करता था।
पीड़ितों के डाटा वाले विभिन्न दस्तावेज जब्त
इन सभी आरोपी व्यक्तियों निशांत कुमार, देवेन्द्र कुमार, मनीष कुमार, भूपेंद्र कुमार, सुनील यादव और अंकित गौड़ ने शिकायतकर्ता को प्रलोभन देने के लिए फर्जी नामों का इस्तेमाल किया और उन्हें विभिन्न सरकारी एजेंसियों एनपीसीआई, आरबीआई, एसबीआई आदि से जारी किए गए पत्र भेजे। आरोपी अष्टभुजेश पांडे, आरोपी अंकित गौड़ और सुनील यादव को बैंक खाते प्रदान करता था। इनके पास से 20 मोबाइल फोन, चार लैपटॉप, एक पेन ड्राइव व पीड़ितों के डाटा वाले विभिन्न दस्तावेज जब्त किए गए हैं। अपराध के शेष अन्य सहयोगियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास जारी है।