आज 16 अप्रैल 2025 है। आज से 172 साल पहले आज के ही दिन भारत में पहली बार मुंबई से ठाणे के बीच ट्रेन चली थी। भारतीय रेलवे ने जिस तरह से प्रगति की है, उसके चलते यह दुनिया के विशाल रेल नेटवर्क में काबिज है। आप भी जानते हैं कि भारतीय रेलवे को भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की राजधानी दिल्ली में पहली बार ट्रेन कब चली और इसके पीछे का इतिहास क्या रहा। अगर इसके इतिहास से अंजान है, तो जान लीजिए कि दिल्ली को रेलमार्ग से जोड़ने पर भी खासा बवाल मचा था। नीचे जानिये दिल्ली रेलवे स्टेशन और यहां से ट्रेन चलने की कहानी....
दिल्ली में पहली बार कब चली ट्रेन
भारत में पहली बार 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे के बीच ट्रेन चलाई गई थी। इस 35 किलोमीटर की दूरी को तय करने में इस पहली भारतीय ट्रेन को 1 घंटे 10 मिनट का समय लगा था। दिल्ली की बात करें तो यहां पहली बार 1864 में ट्रेन चलाई गई थी। ब्रिटिश शासन को यह विचार इसलिए आया था क्योंकि उन्हें अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए कोलकाता से दिल्ली के लिए रेलमार्ग की जरूरत थी।
दरअसल, इस्ट इंडिया कंपनी का सारा सामान कोलाकाता के बंदरगाह पर उतरता था, जहां से उसे देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाना जरूरी थी। इसके लिए कोलकाता से वाया दिल्ली तक रेलमार्ग तैयार किया गया। लेकिन, ब्रिटिश शासन ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्रस्ताव को खारिज करने की वजह
दरअसल, अंग्रेजों को डर था कि दिल्ली रेलवे स्टेशन बना तो अंग्रेजों का विरोध करने वाले क्रांतिकारियों को राजधानी तक पहुंचने में आसानी होगी। ऐसे में अंग्रजों ने कोलकाता को वाया मेरठ से लाहौर को जोड़ने का प्रस्ताव तैयार किया। इससे दिल्ली के व्यापारी खासे नाराज हुए और व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। लेकिन, इस विरोध प्रदर्शन के बावजूद लोगों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। हालांकि, 1863 को एक कमेटी गठित कर प्रस्ताव तैयार करने को कहा, जिसके बाद ब्रिटिश शासन ने दिल्ली को रेलवे स्टेशन से जोड़ने पर मंजूरी दे दी।
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इस वजह से दिल्ली को रेलवे लाइन से कनेक्ट किया
दरअसल, स्थानीय व्यापारियों का कहना था कि अगर दिल्ली को रेलवे लाइन से नहीं जोड़ा जाता है, तो उनके व्यापार में गिरावट होगी। वहीं ईस्ट इंडिया कंपनी को भी खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है। यही सोचकर ब्रिटिश शासन ने इस रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी। 1864 को पहली बार ट्रेन दिल्ली तक पहुंची। उस वक्त दिल्ली रेलवे स्टेशन एक छोटे कमरे में चल रहा था।
यह विशाल रेलवे स्टेशन, यहां से गुजरने गाड़ियों के लिए भी पर्याप्त नहीं था। इसके बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन बना। इसके बावजूद इन दोनों विशाल स्टेशन भी गाड़ियों की संख्या के हिसाब से पूरा नहीं पड़ता। यही वजह है कि कई रेलगाड़ियों को निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, आनंद विहार रेलवे स्टेशन, दिल्ली कैंट जैसे रेलवे स्टेशन से संचालित किया जाता है।