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आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने फर्जी वीजा बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने एक यात्री समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। फैक्ट्री से 14 नेपाली और 2 भारतीय पासपोर्ट के साथ नकली शेंगेन वीजा बरामद किए गए हैं।

Fake Visa Syndicate Busted: आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस की टीम ने दिल्ली के तिलक नगर में नकली वीजा बनाने वाले सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने छापेमारी करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक यात्री भी शामिल है। पुलिस ने नकली वीजा बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनमें स्टांप और वॉटरमार्क सामग्री शामिल है। इसके साथ ही पुलिस ने 14 नेपाली और 2 भारतीय पासपोर्ट के साथ नकली शेंगेन वीजा भी बरामद किए हैं।

फर्जी वीजा बनाने वाले सिंडिकेट का भंडाफोड़

आईजीआई एयरपोर्ट डीसीपी उषा रंगनानी के मुताबिक, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पुलिस स्टेशन की टीम ने तिलक नगर में एक नकली वीजा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। डीसीपी ने बताया कि मानव तस्करी और फर्जी वीजा सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस टीम ने एक यात्री समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।

उन्होंने बताया कि 2 सितंबर को ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन से सूचना मिली थी कि इटली जाने वाले यात्री के पास स्वीडन का फर्जी वीजा है। सूचना के बाद मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई। पकड़े गए यात्री की पहचान संदीप पुत्र करमबीर सिंह निवासी कुरुक्षेत्र, हरियाणा के रूप में हुई।

पूछताछ में किया खुलासा

पूछताछ में संदीप ने खुलासा किया कि उसके गांव के कुछ लड़के पैसा कमाने के लिए विदेश गए थे, इसलिए उसने भी बेहतर आजीविका के लिए विदेश जाने का फैसला किया और पास के गांव के मनजोत के माध्यम से एक एजेंट आशिफ अली से मिला।

10 लाख में विदेश भेजने की हुई थी डील

एजेंट के साथ विदेश भेजने के लिए 10 लाख रुपये की डील हुई। उसने एजेंट द्वारा दिए गए दो बैंक खातों में 7 लाख रुपये जमा किए और 50,000 रुपये नकद एडवांस भुगतान किया था। सौदे के अनुसार, एजेंट आशिफ अली ने अपने सहयोगी नवीन राणा और अन्य सहयोगी शिवा गौतम की मदद से रोम की यात्रा के लिए टिकट और स्वीडिश वीजा की व्यवस्था की, लेकिन वह आईजीआई हवाई अड्डे पर पकड़ा गया।

यात्री समेत 6 आरोपी गिरफ्तार

इसके बाद एजेंट आशिफ अली, नवीन राणा और शिवा गौतम को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद 65 वर्षीय एजेंट बलबीर सिंह का पता चला और फिर एजेंट जसविंदर सिंह को भी गिरफ्तार किया गया।

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पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि नकली वीजा मनोज मोंगा द्वारा तैयार किए गए थे, जो कई देशों के लिए नकली स्टीकर वीजा के डिजाइन और तैयारी में विशेषज्ञ है। वह तिलक नगर स्थित अपने घर पर फैक्ट्री चला रहा है। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी की और 30 फर्जी वीजा, विभिन्न देशों के 23 फर्जी रबर स्टैंप, 16 नेपाल और 2 भारतीय पासपोर्ट वॉटरमार्क मशीन, रंगाई मशीन और प्रिंटर और कंप्यूटर बरामद किए हैं।

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