Independence Day: भारत इस साल 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। 15 अगस्त को शौकीन लोग पतंगबाजी को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में मानसून के मौसम में बिजली के करंट का खतरा अन्य दिनों से ज्यादा रहता है। मानसून के दौरान बिजली की लाइनों के नजदीक पतंगबाजी और ज्यादा खतरनाक हो जाती है, ऐसे में मैटेल के मांझे से पतंग उड़ाना जानलेवा साबित हो सकता है। इसको लेकर निजी बिजली आपूर्ति कंपनी बीएसईएस ने उपभोक्ताओं से अनुरोध किया है कि बिजली की लाइनों के नजदीक पतंगबाजी भूलकर भी न करें।
पतंगबाजी के शौकीनों से बिजली कंपनी की अपील
स्वतंत्रता दिवस पर पतंगबाजी के शौकीनों से बीएसईएस अपील करती है कि वो बिजली के खंभों, तारों, ट्रांसफॉर्मर्स और अन्य बिजली उपकरणों के आसपास पतंग न उड़ाएं। बीएसईएस के प्रवक्ता सी पी कामत ने बताया कि उपभोक्ताओं से यह भी अपील की गई है कि वे पतंग उड़ाने के लिए मेटल-युक्त मांझे का प्रयोग बिल्कुल न करें, क्योंकि मेटैलिक मांझा न सिर्फ इलाके की बिजली गुल कर सकता है, बल्कि इससे पतंग उड़ाने वालों की जान को भी खतरा हो सकता है।
इस मांझे से पतंग उड़ाना हो सकता है जानलेवा
बता दें कि मेटल-कोटेड मांझा जब बिजली की तारों व अन्य उपकरणों के संपर्क में आता है, तो बिजली का करंट मैटेलिक मांझे से प्रवाहित होकर पतंग उड़ाने वाले व्यक्ति के शरीर तक पहुंच सकता है। उपभोक्ताओं, खासकर बुजर्गों व पेरेंट्स से अपील की गई है कि वे बच्चों को यह समझाएं कि वे कटी हुई पतंग लेने के लिए बिजली उपकरणों के पास या प्रतिबंधित इलाकों में न जाएं। यह बिजली आपूर्ति को बाधित करने के अलावा उनकी जान को भी जोखिम में डाल सकता है।
कामत के मुताबिक, बिजली आपूर्ति में बाधा पहुंचाना और बिजली के उपकरणों को क्षतिग्रस्त करना कानूनन जुर्म है। इसके लिए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट और दिल्ली पुलिस एक्ट के तहत सजा का प्रावधान है। पतंगबाजी की वजह से होने वाली ट्रिपिंग के मद्देनजर बीएसईएस ने अपनी ओ एंड टीमों को हाई अलर्ट पर रखा है। टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कहीं पतंगबाजी की वजह से ट्रिपिंग होती है, तो घटनास्थल पर तुरंत पहुंचकर, इलाके में जल्द से जल्द बिजली व्यवस्था बहाल की जाए।