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दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली की जामा मस्जिद को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को और मोहलत दी है। कोर्ट ने कहा 29 जनवरी तक सर्वे और रिपोर्ट देना होगा। इसके साथ ही हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने मस्जिद में हिंदू देवताओं की मूर्तियां दबी होने का बड़ा दावा किया हैं। 

Delhi High Court on Jama Masjid Survey: दिल्ली के जामा मस्जिद को लेकर सर्वेक्षण कराए जाने की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के लिए समय तय कर दिया है। जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और अधिक समय दी गई है। आपको बता दें कि कोर्ट ने यह निर्देश उस याचिका के संदर्भ में दिया है, जिसमें जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक (Protected monuments) घोषित करने की मांग की गई है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 29 जनवरी 2025 को होगी।

जामा मस्जिद के ASI Survey को लेकर कोर्ट का निर्देश

जामा मस्जिद के ASI Survey की याचिका पर जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने कहा कि एएसआई अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट अगली सुनवाई से कम से कम एक हफ्ते पहले कोर्ट में दाखिल करे। कोर्ट ने एएसआई को दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर मस्जिद परिसर और उसके इस्तेमाल का विस्तार से सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था। इससे पहले भी कोर्ट ने 23 अक्टूबर को एएसआई से मस्जिद और उसके आसपास के इलाकों का सर्वे कर एक स्केच और टेबल प्रस्तुत करने को कहा था, जिसमें यह दिखाया जा सके कि मस्जिद परिसर का इस्तेमाल किन उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।  

जामा मस्जिद के सर्वे पर याचिकाओं में क्या हैं मांगे?

इस मामले में 2014 में सुहैल अहमद खान और अजय गौतम ने जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने जामा मस्जिद के एएसआई के अधिकार क्षेत्र में नहीं होने पर सवाल उठाए और मस्जिद के इमाम मौलाना सैयद अहमद बुखारी द्वारा 'शाही इमाम' उपाधि का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई थी। याचिका में यह भी कहा गया कि मौलाना बुखारी ने अपने बेटे को नायब इमाम नियुक्त कर यह परंपरा कायम की है। गौरतलब है कि 2015 में, एएसआई ने कोर्ट को बताया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शाही इमाम को यह भरोसा दिलाया था कि जामा मस्जिद को संरक्षित स्मारक घोषित नहीं किया जाएगा।  अब, कोर्ट के ताजा आदेश के तहत, एएसआई को 29 जनवरी से पहले सर्वेक्षण की पूरी रिपोर्ट दाखिल करनी होगी, जिसके बाद इस मामले की सुनवाई आगे बढ़ेगी। 

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हिंदू सेना ने भी उठाई जामा मस्जिद का सर्वे कराने की मांग

हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने 5 दिसंबर 2024 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के महानिदेशक को पत्र लिखकर दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कराने की मांग की है। गुप्ता ने आरोप लगाया है कि इस मस्जिद में हिंदू देवताओं की मूर्तियां दबी हुई हैं। इसी के साथ ही टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुप्ता ने दावा किया कि यह मस्जिद जोधपुर और उदयपुर के मंदिरों को ध्वस्त कर उनके अवशेषों से बनाई गई थी। उन्होंने खास तौर से कहा कि मस्जिद की सीढ़ियां इन मंदिरों के अवशेषों से बनाई गई हैं, जिनमें देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं। गुप्ता ने आरोप लगाया कि मुगल शासक औरंगजेब ने हिंदुओं को अपमानित करने के लिए ऐसा किया था।

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किसी स्मारक को ASI संरक्षित घोषित करने के फायदे 

ASI संरक्षित स्मारक होने से आस-पास के इलाके को वर्जित घोषित किया जाता है, जहां नए निर्माण पर रोक होती है और निर्माण से जुड़ी गतिविधियों की देखभाल की जाता है। यह स्मारक की सुरक्षा और उसकी ऐतिहासिक महत्ता को बनाए रखने में मदद करता है। संरक्षित स्मारक के साथ तोड़फोड़ या नुकसान पहुंचाने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिससे स्मारक की सुरक्षा होती है। इसके अलावा, संरक्षित स्मारक के रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है, जिससे इसकी स्थिति बेहतर बनी रहती है। स्मारक हमारी सामूहिक स्मृति का अहम हिस्सा होते हैं, जो हमें हमारे इतिहास और अतीत की छोटी-बड़ी घटनाओं और व्यक्तियों की याद दिलाते हैं।

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