Delhi News: राजधानी में इन दिनों फर्जी बम की धमकियों और साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। जिस पर एलजी वीके सक्सेना ने चिंता व्यक्त की है और दिल्ली पुलिस को निर्देश जारी किए है। जिसमें कहा गया है कि इन फर्जी धमकियों से निपटने के लिए शिक्षकों और छात्रों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के एलजी ने निजी स्कूलों के प्रिंसिपलों और शिक्षकों के साथ एक संवादात्मक सत्र किया। इस दौरान उन्होंने फर्जी बम धमकियों, साइबर बुलिंग और अन्य ऑनलाइन खतरों को लेकर चिंता व्यक्त की है और पुलिस को निर्देश जारी किए है। खबरों की मानें, तो दिल्ली के उपराज्यपाल ने पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है। जिसमें कहा है कि स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों को फर्जी बम धमकी से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण देने की जरूरत है।
उन्होंने इस बात पर जोर देते हुआ कहा कि शिक्षकों और छात्रों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी तो वे इस तरह की घटनाओं से घबराने के बजाय सटीक और शांतिपूर्ण तरीके से निपटेंगे। एलजी ने इस प्रशिक्षण के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों और छात्रों को आपातकालीन स्थितियों में तेजी से और सही प्रतिक्रिया देने में भी मदद करेगा।
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15 दिन में दिल्ली पुलिस को सौंपनी होगी रिपोर्ट
कहा जा रहा है कि उपराज्यपाल ने फर्जी बम धमकी के साथ साइबर अपराध और साइबर बुलिंग जैसे बढ़ते खतरों पर भी चिंता जताई। उन्होंने दिल्ली पुलिस को निर्देश देते हुए कहा कि छात्रों और शिक्षकों को इन अपराधों से बचाव के उपाय सिखाए जाएं। वहीं साइबर अपराध के तहत बच्चों और शिक्षकों को न केवल ऑनलाइन खतरों की पहचान करना सिखाएं। बल्कि उनसे बचने और सुरक्षित रहने के उपाय भी बताएं। वहीं एलजी वीके सक्सेना ने पुलिस आयुक्त को 15 दिनों के भीतर इस दिशा में उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है।
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे फर्जी धमकियों के मामले
बता दें कि दिल्ली के स्कूलों में फर्जी धमकियों के मामले लगातार सामने आ रहे है। जिसकी वजह से पुलिस भी परेशान है और स्कूल प्रबंधन भी। धमकी वाला इमेल मिलने के बाद स्कूल प्रबंधन बच्चों को स्कूल से वापस भेज देता है। हालांकि, ऑनलाइन क्लासेज ली जाती है, लेकिन इसके बाद भी इसका असर बच्चों की शिक्षा पर भी पड़ रहा है। वहीं अभिभावकों को भी अब डर सताने लगा है। वहीं, दिल्ली पुलिस इन धमकियों के मामले में किसी बड़े अपराधी को नहीं पकड़ पाई है। जो पकड़े भी गए हैं, वो छोटे बच्चे ही है।