Logo
दिल्ली के रिज एरिया में पेट काटने के मामले को लेकर एलजी वीके सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा जमा किया है। आइए जानते हैं कि उन्होंने अपने हलफनामे में क्या कहा।

दिल्ली के रिज एरिया में पेड़ों की कटाई के मामले में दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है और कहा है कि उन्हें इस बारे में सूचित नहीं किया गया था। इस हलफनामे में ये भी कहा गया है कि एलजी वीके सक्सेना कानून का उल्लंघन नहीं करना चाहते थे।

दरअसल, 16 से 26 फरवरी के बीच पेड़ों की कटाई की गई थी। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल आयुर्विज्ञान संस्थान तक सड़क को चौड़ा करना था। इसलिए एलजी वीके सक्सेना ने कर्मियों को पेड़ काटने के निर्देश दिए थे। हालांकि, उन्हें दिल्ली सरकार की तरफ से ये नहीं बताया गया था कि पेड़ काटने की अनुमति हाईकोर्ट से लेनी होती है। पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने पेड़ों की अवैध कटाई को गंभीरता से लेते हुए वीके सक्सेना को निर्देश दिया था कि वे अपना हलफनामा दाखिल करें। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करना नहीं थी मंशा

बुधवार को सक्सेना ने हलफनामा दाखिल किया। इस हलफनामे में उन्होंने लिखा है कि  3 फरवरी को उन्होंने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल आयुर्विज्ञान संस्थान परियोजना के कामकाज की जांच करने के लिए साइट का दौरा किया था। निर्माणाधीन काम को तेजी से करने और काम को जल्द खत्म करने का भी निर्देश दिया था। उनका निर्देश किसी भी तरह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करने की मंशा से नहीं था। उन्होंने किसी को भी हाईकोर्ट से आदेश न लेने के निर्देश नहीं दिए थे। हालांकि, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि अस्पताल के पास वाले इलाके में पेड़ों की कटाई के लिए अदालत की अनुमति लेनी होती है। 

तीन अधिकारियों को किया जाएगा निलंबित

LG सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पेड़ों की कटाई से पहले हाई कोर्ट से अनुमति न लेने के लिए डीडीए के तीन अधिकारियों को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि इन अधिकारियों ने ही आदेश को अनदेखा किया है। इस हलफनामे में डीडीए के कार्यकारी अभियंता मनोज कुमार यादव को जिम्मेदार बताया गया है। उन्होंने ही ठेकेदार को पेड़ काटने का निर्देश दिया था। मनोज के साथ ही इंजीनियर पवन कुमार और आयुष सारस्वत को जिम्मेदार बताया। साथ ही सक्सेना ने ये भी बताया कि इन तीनों अधिकारियों को निलंबित करने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा चुकी है और इन्हें जल्द ही निलंबित कर दिया जाएगा।

ये भी पढ़ें: दिल्ली वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा को लगाई फटकार, पूछा- पराली जलाने वालों को क्यों छोड़ रहे; गोपाल राय ने दिया जवाब

5379487