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हेरिटेज वॉक हर महीने के पहले और तीसरे शनिवार को सुबह 8:00 बजे या 11:30 बजे आयोजित किया जाएगा। इन आयोजनों में टाउन हॉल, पुरानी दिल्ली और कुतुब मीनार के आसपास होगा।

MCD Heritage Walk Program: दिल्ली नगर निगम (MCD) ने ऐतिहासिक स्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों से लोगों को जोड़ने के लिए हेरिटेज वॉक प्रोग्राम की शुरुआत की है। इस पहल का मकसद नागरिकों को दिल्ली की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर से अवगत कराना और उसकी महत्ता के प्रति जागरूक करना है।  

आपके बता दें कि हेरिटेज वॉक हर महीने के पहले और तीसरे शनिवार को आयोजित की जाएगी, जिसकी शुरुआत सुबह 8:00 बजे या 11:30 बजे होगी। इस कार्यक्रम के तहत पुरानी दिल्ली, टाउन हॉल और कुतुब मीनार के आसपास के इलाकों में वॉक के साथ-साथ शास्त्रीय संगीत, नृत्य, उर्दू कविता और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों पर इंटरैक्टिव सेशन आयोजित किए जाएंगे। 

ले सकते हैं बिना किसी रजिस्ट्रेशन के भाग 

इस वॉक में नागरिक पहले से बिना किसी रजिस्ट्रेशन के भाग ले सकते हैं, जिससे यह इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वाले सभी लोगों के लिए सुलभ है। इस वॉक में प्रतिभागियों को विशेषज्ञ गाइड्स के साथ ऐतिहासिक स्थलों की महत्ता, उनसे जुड़े रोचक तथ्य, कहानियां और सांस्कृतिक जानकारी प्रदान की जाएगी।  

पहली वॉक: सफरनामा मीनार-ए-जर्रीं

इस प्रोग्राम की पहली वॉक का आयोजन शनिवार को फिरोज शाह कोटला में सुबह 8:30 बजे किया गया। यह स्थल 1354 ईस्वी में तुगलक वंश के शासनकाल में बनाया गया था और दिल्ली की स्थापत्य भव्यता और ऐतिहासिक गहराई का खास उदाहरण है। इस मौके पर एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार ने इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हेरिटेज वॉक प्रोग्राम के जरिये से हमारा मकसद इतिहास को जीवंत बनाना और लोगों को दिल्ली की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की सराहना करने के लिए प्रेरित करना है।  

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अशोक के स्तंभ के पास खड़े होकर उनका धम्म संदेश

उन्होंने आगे कहा कि आज की वॉक में भाग लेकर मैंने इस ऐतिहासिक स्थल के बारे में गहरी जानकारी हासिल की है। यह वॉक इतिहास की मजेदार कहानियों, प्रेरणादायक किस्सों और हमारी गौरवशाली विरासत की भावना से भरपूर थी। अशोक के स्तंभ के पास खड़े होकर उनका धम्म संदेश, जो सभी के लिए सम्मान और पवित्रता की बात करता है, सुनना आज भी उतना ही प्रासंगिक लगा। इसी के साथ यह प्रोग्राम दिल्ली के इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए एक अनूठा मौका है, जिससे वे अपनी धरोहर को और गहराई से जान और समझ सकते हैं।

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