Man-Less Parking: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एमसीडी ने अलग-अलग जोन में 21 फास्ट टैग पार्किंग चलाने के लिए ऑफर लेटर जारी किया है। एमसीडी ने इन पार्किंग साइटों को दो क्लस्टर में बांटा है। एक क्लस्टर में 10 और दूसरे में 11 पार्किंग साइटों को शामिल किया गया है। पार्किंग साइटों पर गाड़ी खड़ी करने से लेकर बाहर निकलने तक पूरी प्रक्रिया में कहीं पर 'मैन लैस' यानी इसमें मानव का हस्तक्षेप नहीं रहेगा। इन पार्किंग साइटों पर 3300 के करीब चार पहिया वाहन और 1500 के करीब दो पहिया वाहन खड़े हो सकेंगे। इससे एमसीडी को साल में 8.50 करोड़ रुपये मिलेंगे।
पार्किंग के बाहर लगे बोर्ड फ्लैश जानकारी मिलेगी
फास्ट टैग पार्किंग साइटों पर चार पहिया वाहनों और दो पहिया वाहनों की संख्या पहले से ही निर्धारित की गई है। पार्किंग के बाहर लगे बोर्ड पर यह जानकारी मिलती रहेगी कि अभी पार्किंग के अंदर कितनी गाडियों के लिए जगह खाली है।
एमसीडी अधिकारी ने बताया कि गाड़ी मालिक ऐसी किसी भी पार्किंग में अपनी गाड़ी खड़ी करके चला जाएगा। इसके बाद जब भी वह गाड़ी लेने के लिए आएगा, तो एग्जिट गेट के बाहर निकलेगा जितने घंटे गाड़ी पार्किंग में खड़ी रही उसके हिसाब से पेमेंट कटने का मेसेज रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आ जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि यदि फास्ट टैग ब्लैक लिस्ट हो चुका है या उसमें बैलेंस कम है तो कार मालिक वहां लगे क्यूआर कोड, यूपीआई या किसी वॉलेट से भुगतान कर सकते हैं।
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पार्किंग साइट कैश भुगतान से मुक्त रहेंगी
सभी पार्किंग साइटों को पूरी तरह से कैश भुगतान से मुक्त रखा गया है। ऐसे में यदि किसी गाड़ी मालिक की कार फास्ट टैग पर रजिस्टर्ड नहीं है और उसके पास स्मार्ट फोन भी नहीं है, ऐसे में वह पार्किंग चार्ज का भुगतान कैसे करे?
एमसीडी अधिकारी ने बताया कि ऐसी स्थिति में पार्किंग स्टाफ की जितने समय तक गाड़ी पार्किंग में खड़ी रहेगी, उसके हिसाब से अपने मोबाइल से ऑनलाइन भुगतान कर देगा। गाड़ी मालिक पार्किंग स्टाफ को कैश दे सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि दो पहिया वाहनों का फास्ट टैग पर रजिस्ट्रेशन नहीं होता है, इसलिए वे क्यूआर कोड स्कैन, यूपीआई और ई वॉलेट से पार्किंग चार्ज कर भुगतान कर सकते है। सभी पार्किंग पर हर महीने पास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।