Delhi Air Pollution: नए साल के पहले दिन ही दिल्ली-एनसीआर के लोगों को प्रदूषण और कड़ाके की ठंड की मार झेलनी पड़ रही है। कोहरे और प्रदूषण की धुंध ने राजधानी और पूरे एनसीआर को आगोश में ले लिया है। इसके चलते कुछ इलाके में विजिविलिटी भी कम देखने को मिली है। लोगों को वाहन चलाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साल 2023 के आखिरी दिन 31 दिसंबर को भी दिल्ली-एनसीआर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार नए साल के आगाज का पहला दिन यानी 1 जनवरी 2024 की सुबह वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई। जानकारी के मुताबिक दिल्ली के लोगों को 3 जनवरी तक अभी प्रदूषण से राहत नहीं मिलने वाली है, क्योंकि नए साल के आगाज के स्वागत में लोगों ने जमकर आतीशबाजी की, जिससे दिल्ली की हवा और भी ज्यादा जहरीली हो गई।
साल के पहले हवा बेहद खराब श्रेणी में बरकरार
जानकारी के मुताबिक बीते दिन दिल्ली एनसीआर में हवाएं चार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं। रात के समय यह हवाएं और भी ज्यादा कमजोर हो गई थी। वहीं आज भी हवाएं 4 किलोमीटर प्रति घंटे के आस पास रहने के अनुमान है। इसी बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े देखे तो दिल्ली के पंजाबी बाग में वायु गुणवत्ता सूचकांक 409, द्वारका सेक्टर 8 में 404 दर्ज किया गया। बाकि अन्य इलाकों में प्रदूषण 400 से नीचे है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक अलग-अलग श्रेणी में दर्ज किया गया है। अलीपुर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 309, नेहरू नगर का 394, आरके पुरम का 392, पटपड़गंज का 375, शादीपुर में 368, एनएसआईटी द्वारका में 369, आईटीओ दिल्ली का 361, श्री फोर्ट का 366, लोधी रोड का 338 जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का 363, डॉक्टर करणी सिंह शूटिंग रेंज का 371, सोनिया विहार का 368, जहांगीरपुरी का 365, रोहिणी का 376 विवेक विहार का 378, आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक 372 दर्ज किया गया है। बीते दिन 31 दिसंबर को दिल्ली का AQI 382 दर्ज किया गया था।
प्रदूषण के मामले में 2023 कैसा रहा
31 दिसंबर के साथ ही साल 2023 समाप्त हो गया। नए साल के आगाज पर अब जान लेते हैं कि प्रदूषण के लिहाज पिछले पांच सालों की तुलना में साल 2023 में दिल्ली कितनी साफ रही। जानकारी के मुताबिक साल 2023 पिछले दो सालों से थोड़ा साफ रहा। हालांकि अगस्त से दिसंबर तक के अंतिम पांच महीने साल 2022 से अधिक प्रदूषित रहे। जनवरी और फरवरी भी पिछले साल की तुलना में अधिक प्रदूषित रहे। कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) के अनुसार 2021 से सीएक्यूएम ने प्रदूषण को कम करने के लिए काफी काम किया है। पूरे साल हुए इस काम की वजह से इस बार भी प्रदूषण में कमी दर्ज की गई है। हालांकि बीच में कुछ दिनों के लिए स्थिति ऐसी थी कि दिल्ली सरकार कृत्रिम वर्षा भी कराने का विचार कर रही थी।
2023 के चार महीने सबसे कम प्रदूषित रहे
रिपोर्ट्स के मुताबिक 2023 में चार महीने मार्च, अप्रैल, जून और जुलाई में प्रदूषण सबसे कम रहा। औसत सालाना एक्यूआई के मामले में भी 2018 से लेकर अब तक दूसरा सबसे साफ साल रहा है। इसमें कोविड में गुजरा साल 2020 भी शामिल है। इस साल भारतीय मानकों के अनुसार दिल्लीवालों ने 206 दिन साफ हवा में सांस ली। इस दौरान एक्यूआई शून्य से 200 के बीच रहा। 144 दिन खराब से बेहद खराब रहे।
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